Maha Mrityunjaya Mantra Cure Cancer - In Hindi Mantra Shakti Se Rog Nivaran
रोहतक। आयुर्वेद में मंत्रों की शक्ति को सदैव माना गया है। हाल ही एक शोध में ये बात सामने आयी कि गायत्री मंत्र के नियमित जाप से दिमाग की शक्तियों का विकास होता है। इसी कड़ी में बेहद चौकाने वाली रिपोर्ट दैनिक जागरण में छपी है. रिपोर्ट के मुताबिक मुंह के कैंसर से पीड़ित एक व्यक्ति की महामृत्युंजय मंत्र के जाप से आवाज वापस लौट आयी. पढ़िए पूरी रिपोर्ट -
महामृत्युंजय मंत्र थेरेपी से बोल पड़ा ‘बेजुबान’ - Mrityunjaya Mantra Impact in Hindi
रोहतक : हरियाणा के रोहतक जिले के सेक्टर -2 निवासी 'राजीव पायलट' की मुंह के कैंसर के चलते आधी जीभ काटनी पड़ी। आवाज चली गई, लेकिन स्पीच थेरेपी के साथ महामृत्युंजय मंत्र के उच्चारण का प्रयास करते-करते आवाज लौट आई। विशेषज्ञ ने बताया कि इस मंत्र के उच्चारण के दौरान जीभ 360 डिग्री घूमती है।
हरियाणा निवासी यह व्यक्ति अब दूसरों को इस विधा का लाभ देने के लिए जागरूक कर रहा है। जिंदगी के उतार-चढ़ाव के बीच बर्बादी का सिलसिला शुरू हुआ तो पेशे से पायलट रहे राजीव का परिवार तबाह हो गया। पत्नी से तलाक हो गया। छोटे भाई की असमय मौत हो गई। रही-सही कसर पूरी कर दी कैंसर की बीमारी ने। मुंह के कैंसर से उनकी आवाज चली गई..। लेकिन तभी किस्मत फिर पलटी और स्पीच थेरेपी और महामृत्युंजय मंत्र के जाप से जीने की राह मिल गई। महामृत्युंजय मंत्र के जाप और म्यूजिक व स्पीच थेरेपी ने आवाज लौटा दी। अब राजीव पायलट दूसरों की भी मदद कर रहे हैं।
रोहतक के सेक्टर दो निवासी राजीव ने बताया कि पारिवारिक कलह से साल 2005 में तलाक हो गया। दो बच्चों समेत पत्नी छोड़कर चली गई। उधर, पार्टनरशिप में बनाई फैक्टरी में आग से इतना नुकसान हुआ कि उबर ही नहीं पाया। छोटे भाई की बीमारी के कारण मौत हो गई। सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। एक वक्त ऐसा आया कि खुद को मारना चाहता था।
बतौर पायलट, एक शानदार करियर भी इन घटनाओं से डगमगा गया। वह बताते हैं, मैं खुद को मारने के तरीके खोजने लगा। मीलों ऊंचाई पर प्लेन उड़ा हवा में बातें करता था, लेकिन पत्नी व बच्चों के विरह ने तोड़ दिया। डिप्रेशन का शिकार हो गया। पूरी-पूरी रात जागकर बिताने लगा। गुटखा, पान मसाला, तंबाकू व धूमपान की बुरी लत लगा ली। यह लत मुंह के कैंसर तक ले आई। इस बीच उनकी फिक्रमें मां तृष्णा बीमार रहने लगीं। मां की स्थिति ने मौत के करीब पहुंच चुके राजीव में जीने की ललक पैदा की। सोचने लगे कि उनकी मौत के बाद उनके माता-पिता का क्या होगा।
बकौल राजीव, दिसंबर 2012 तक कैंसर चौथी स्टेज में पहुंच गया था। जनवरी 2013 में मुंह के कैंसर के लिए ऑपरेशन हुआ, जिसमें आधी जीभ काट दी गई। आवाज चली गई। पूरा शरीर काला पड़ गया। डाक्टरों ने बताया कि कभी बोल नहीं पाएगा। मैं निराश था। इंटरनेट पर इलाज के लिए समाधान ढूंढने लगा। बेंगलुरु में थेरेपिस्ट डॉ. टीवी साईंराम के बारे में पता चला। मां के साथ उनसे मिलने गया। डॉक्टर की सलाह पर रोजाना गाना सुनने और बोलने का अभ्यास करने लगा। हालांकि मुंह से आवाज नहीं निकलती थी। कई बार बैचेन हो जाता था। सोचता था कि डॉक्टर ने मजाक किया है, लेकिन मां को डॉक्टर पूरा भरोसा था। एक दिन मां ने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने की कोशिश किया करो। यह और कठिन था, लिहाजा टाल दिया।
लेकिन एक दोस्त ने बताया कि महामृत्युंजय मंत्र जपने पर जीभ 360 डिग्री पर घूमती है। मरता क्या नहीं करता सो मंत्र जाप की कोशिश करने लगा। करीब सात माह बाद पहली बार आवाज निकली। शुरू में अटक कर बोल पाता था। नियमित अभ्यास से आवाज साफ हो गई है। उन्होंने बताया कि यह थेरेपी इतनी कारगर है कि कोमा में गए मरीजों को भी फायदा पहुंचाती है।
चिकित्सा में कारगर महामृत्युंजय मंत्र - Mrityunjaya Mantra Effective in Disease Treatment
मंत्र चिकित्सा में महामृत्युंजय मंत्र का बड़ा महत्व है। रिटायर्ड प्रोफेसर व मंत्र शोधकर्ता डॉ. बलबीर आचार्य ने बताया कि मंत्र के जाप से शारीरिक व मानसिक फायदे होते हैं।
जयपुर में गत दिनों मंत्र चिकित्सा विषय पर कांफ्रेंस में देश-विदेश के मंत्र शोधकर्ता जुटे थे, इसमें महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कैंसर व अन्य बड़ी बीमारियों के ठीक होने की प्रामाणिक बातें सामने आई थीं। यह एकाग्रचित मन से शुद्ध रूप से मंत्र के नियमित जाप करने से इच्छाशक्ति मजबूत होती है।
संस्कृत भाषा में वर्णित इन मंत्रों के उच्चारण में मुंह की सभी मांसपेशियों एक साथ काम करती हैं। जीभ चारों दिशाओं में घूमती है। बहुत से लोगों को महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र व अन्य मंत्रों से फायदा मिला है।
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