• Home
  • Blogs
  • Ayurveda Streetतकनीक के माध्यम से बदल जायेगी हेल्थ सेक्टर की दुनिया

तकनीक के माध्यम से बदल जायेगी हेल्थ सेक्टर की दुनिया

User

By Ram N Kumar | 02-Jan-2021

Healthcare sector

इंटिग्रेटेड मेडिसिन का स्वर्णिम काल, दो दशकों में बदल जायेगी स्वास्थ्य की दुनिया 

हेल्थकेयर शब्द सुनते ही हमें हॉस्पिटल एवं डॉक्टर का ख़याल आता है। ऐसा होना लाजमी भी है क्योंकि भारतीय जनमानस की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा हॉस्पिटल, डॉक्टर एवं दवाइयों पर ख़र्च होता है। लेकिन असल मायने में स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा ईकोसिस्टम हेल्थकेयर सिस्टम कहलाता है। 

पिछले कुछ दशक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए युगांतकारी रहे है लेकिन कोरोना महामारी ने नए सिरे से गंभीर चुनौती खड़ी की है। इस चुनौती ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद, ट्रेडिशनल चायनीज़ मेडिसिन, कोरिया की कोरयो मेडिसिन या फिर अफ़्रीकन ट्रेडिशनल मेडिसिन आदि सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक साथ आकर काम करने और इसका इलाज ढूँढने को प्रेरित किया है। इस लिहाज से इंटिग्रेटेड मेडिसिन का यह स्वर्णिम काल है। 

हेल्थकेयर सेक्टर में तकनीक के माध्यम से बदलाव 

स्वास्थ्य सेवाओं की यह तस्वीर तो वर्तमान की है लेकिन भविष्य में यह तस्वीर इससे काफी अलग होगी और उन्नत तकनीक इसका आधार बनेगी। ऐसा संभव है कि भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन आधार की तरह ही डिजिटल ट्रैन्स्फ़र्मेशन के ज़रिये होगा और डाटा इंटरओपेरबिलिटी एवं सुरक्षित (secured) प्लैट्फ़ॉर्म  इसे सहज और सुगम बनाएँगे। ऐसे में भविष्य में बीमारी के इलाज की जगह शरीर को स्वस्थ रखने पर ज़्यादा ज़ोर होगा। कहने का अर्थ है कि भविष्य की स्वास्थ्य सेवायें रीऐक्टिव की जगह प्रोआक्टिव होंगी। स्वास्थ्य को समग्र रूप से मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को शामिल करने वाली समग्र स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाएगा। उपभोक्ताओं को न केवल अपने स्वास्थ्य के बारे में गहन और विस्तृत जानकारी होगी बल्कि वे अपने स्वास्थ्य डेटा के भी मालिक होंगे। इस तरह से वे अपने स्वास्थ्य के बारे में स्वयं निर्णय लेने में एक मुख्य भूमिका निभाएंगे और उनकी रजामंदी के आधार पर ही उनकी चिकित्सा होगी।

(यह भी पढ़े - सफल आयुर्वेद व्यवसाय के लिए जरुरी सेटअप)

2040 में स्वास्थ्य सेवाओं की दुनिया 

दरअसल हम जिस स्वास्थ्य की कल्पना कर रहे हैं वह हमसे केवल 20 वर्ष दूर है। 2040 में स्वास्थ्य सेवाओं की एक ऐसी दुनिया होगी जो हमारी वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं से बहुत अलग होगी और इस बदलाव का कारक बनेगा डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन जिसे इंटरऑपरेबल डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), और ओपन, सिक्योर प्लेटफ़ॉर्म सबके लिए आसान बनाएँगे। आज के विपरीत, मेरा मानना है कि हमारे मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को चलाने वाले बड़े संस्थानों के बजाय,  उपभोक्ताओं के देखभाल करने वाले आसपास के संस्थान ज़्यादा प्रगति करेंगे। 

कई मेडटेक कंपनियां एवं स्टार्टप पहले से ही बायोसेंसर और सॉफ्टवेयर को इश्तेमाल करने की शुरुआत कर रही हैं जो डेटा उत्पन्न, इकट्ठा और साझा कर रहे हैं। उन्नत संज्ञानात्मक तकनीकों को विकसित किया जा रहा है, जो उच्च मापदंडों के आधार बड़े डाटा का विश्लेषण कर सकें और उपभोक्ता के स्वास्थ्य के संदर्भ में व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि पैदा कर सकें। डेटा और व्यक्तिगत एआई की उपलब्धता व्यक्तिगत मेडिसिन और इलाज को सबकी पहुँच में ले जाएगा। यह इंटेग्रेटिव मेडिसिन का ही एक दूसरा पहलू है जिसकी प्रेरणा आधुनिक मेडिसिन सिस्टम ने आयुर्वेद एवं अन्य ट्रेडिशनल मेडिसिन सिस्टम से लिया है। और वास्तविक समय के माइक्रोएरेवेंट्स को सक्षम कर सकती है जो हमें बीमारी से आगे और भयावह बीमारी से बहुत आगे निकलने की अनुमति देती है। डेटा और व्यक्तिगत एआई की उपलब्धता हमें भयावह बीमारी के शरीर में आगे बढ़ने से पहले हमें बता देगा और चिकित्सक बेहतर निर्णय ले पाएँगे की किस तरह की दवा  मरीज़ को बीमारी से बचने के लिए दी जानी चाहिए। यह स्वास्थ्य सेवाओं के  ऊपर आ रहे अनावश्यक आर्थिक बोझ को भी कम करेगा। 

2040 तक तरह तरह का स्वास्थ्य डेटा विभिन्न प्रासंगिक स्रोतों से एक जगह विलय होकर,  प्रत्येक उपभोक्ता की भलाई के लिए एक बहुआयामी एवं व्यक्तिगत वेलबीइंग रेज़ीम तैयार करेगी। आज, पहनने योग्य डिवाइस जो हमारे कदमों, नींद के पैटर्न और यहां तक कि हृदय गति को भी हमारे दैनन्दिन जीवन में डिजिटल तरीक़े से बताते है और यह हमारे जीवन की अंगिभूत इकाई बन गयी है जिनकी हमने कुछ साल पहले कल्पना नहीं की थी। मैं  इस प्रवृत्ति में तेजी आने  की उम्मीद करता  हूँ । 

उपभोक्ता स्वयं के स्वास्थ्य के बारे में इतनी विस्तृत व्यक्तिगत जानकारी लैस होंगे की उनकी स्वास्थ्य जानकारी पोर्टेबल होगी। इस वेल्बीइंग रेज़ीम में आयुर्वेद एवं आधुनिक मेडिसिन साथ साथ लोगों का इलाज करते है और इसमें और तेज़ी आएगी। उपभोक्ता ई-कॉमर्स और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में हुए परिवर्तनों के आदी हो गए हैं। ये उपभोक्ता मांग करेंगे कि स्वास्थ्य सेवाये  भी उसी मार्ग का अनुसरण करे और उनके जीवन का एक एकीकृत हिस्सा बन जाए। (सौजन्य - संशोधनों के साथ मूलतः राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित)

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।