By NS Desk | 17-Feb-2021
आयुर्वेद का महाकुंभ 12 से 19 मार्च तक/वर्चुअल होगा चौथा ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल/आयुर्वेद के 14 संगठन आए साथ/कोविड-19 के बाद की वैश्विक स्थिति पर होगी बात
दिल्लीः ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल (जीएएफ 2021) का आयोजन 12-19 मार्च तक होगा और इससे अब तक 100 से ज्यादा देशी-विदेशी वैज्ञानिक जुड़ चुके हैं, 1000 से ज्यादा शोध-पत्रों की प्राप्ति हुई है और 60 देशों से करीब 10,000 नुमाइंदे पंजीकृत हो चुके हैं। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (V. Muraleedharan) ने यह तथ्य प्रस्तुत किया, जो इस महोत्सव की आयोजन समिति के अध्यक्ष भी हैं। गौरतलब है कि यह आयोजन आभासी माध्यम से चलेगा और इसके लिए औद्योगिक संगठन फिक्की के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल हो रहा है। आयुर्वेद और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह आयोजन अकादमिक, शोध, उद्योग और कारोबारी क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
इसमें अंततराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त शोधकर्ता अपने शोध-आख्यान पेश करेंगे, जिसमें डॉ डेनियल ई फोस्ट (प्रोफेसर, मेडिसीन कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी), डॉ क्रिस्टिन केस्सलर (चैरिटी यूनिवर्सिटी, जर्मनी) रॉबर्ट शेनिडर (महर्षि इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, अमेरिका), डॉ एंटोनिला डेलिफेव (एमडी, मिलान यूनिवर्सिटी), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के संकाय-प्रमुख आदि हैं।
महोत्सव के महासचिव एवं रमैया इंडिक स्पैशलिटी आयुर्वेद के निदेशक आयुर्वेदाचार्य प्रोफेसर डॉ जी जी गंगाधरन ( Dr G.G. Gangadharan) ने बताया कि कोविड-19 को लेकर भारत सरकार के दृष्टिकोण और पहल को सामने रखने के लिए वैद्य राजेश कोटेचा (आयुष सचिव, भारत सरकार) डॉ भूषण पटवर्द्धन (वाइस चेयरमैन-यूजीसी), आयुष मंत्रालय की ओर से मनोज नेसरी, डी सी कटोच, डॉ धीमान और जयंत देव पुजारी और आयुर्वेद विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के सीईओ जेएलएन शास्त्री अपने विचार रखेंगे।
चौथे ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल का लक्ष्य कोविड-19 के बाद की स्वास्थ्य-स्थितियों में आयुर्वेद का वैश्विक विकास और संवाद है। इससे देश-दुनिया के आयुर्वेदाचार्यों, वैद्यों, विद्वानों, चिकित्सकों और छात्रों को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए आयुर्वेद के 14 संगठन एक साथ आए हैं। उन्होंने आगे बताया कि पहली बार वर्चुअल माध्यम से इतने बड़े सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। पूरे आठ दिनों तक रोजाना 12 सेमिनारों का आयोजन होगा। देश-दुनिया की कंपनियां इस मंच पर आभासी-प्रदर्शनियां लगाएंगी। आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण से जुड़ी कंपनियों और अन्य हिस्सेदारों को इससे जोड़ने के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं, जैसे विदेशी निवेश, आयुर्वेद और औषधि-वनस्पतियों से जुड़े अनुसंधान और प्रौद्योगिकियां, मेडिकल पर्यटन, वगैरह। आयुर्वेद महाविद्यालयों और शोध संस्थानों के लिए विशेष पवेलियन की भी व्यवस्था की गई है। (प्रेस विज्ञप्ति)
Read in English ► Global Ayurveda Festival from 12 March, Scholars from more than 60 Countries will Attend