यदि सफ़ेद दाग या ल्यूकोडर्मा से आप पीड़ित हैं तो अब घबड़ाने की कोई बात नहीं क्योंकि इसकी हर्बल दवा बन चुकी है और तकरीबन डेढ़ लाख से अधिक लोगों का इसके जरिये उपचार भी हो चुका है. इस हर्बल दवा को वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हेमन्त कुमार ने बनाया है जिसके लिए उन्हें ईयर आफ द साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की तरफ से उन्हें यह सम्मान डीआरडीओ भवन में हुए कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से दिया गया. उन्हें पुरस्कार स्वरूप दो लाख रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र भी दिया गया.
( यह भी पढ़े - ल्यूकोडर्मा के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपाय )
सफेद दाग यानी ल्यूकोडर्मा की इस दवा का नाम ल्यूकोस्किन है जिसे एक बड़ी खोज माना जा रहा है. ल्यूकोस्किन को हिमालय क्षेत्र में दस हजार फुट की ऊंचाई पर पाए जाने वाले औषधीय पौधे विषनाग से तैयार किया गया है. यह खाने और लगाने दोंनों स्वरूप में उपलब्ध है. इस दवा का उत्पादन अब एमिल फार्मास्युटिकल करती है और एक प्रभावी दवा के रूप में इसकी अच्छी पहचान बन चुकी है.
डॉ. हेमन्त कुमार वर्तमान में डीआरडीओ की प्रयोगशाला रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (डीआईबीईआर) में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने पूर्व में भी 6 दवाओं और हर्बल उत्पादों की खोज की थी.