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आयुष मंत्री ने दुनिया के पहले ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का दौरा किया

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By NS Desk | 11-Apr-2022

AYUSH Minister visits world first Global Center for Traditional Medicine

केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज जामनगर में उस स्थल का दौरा किया जहां 19 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखी जाएगी। आयुष मंत्री के साथ उनके मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा भी थे। आयुष मंत्रालय ने दो हफ्ते पहले भारत में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) की स्थापना के लिए मेजबान देश के तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस 19 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जीसीटीएम के शिलान्यास समारोह में उपस्थित रहेंगे। आयुष मंत्री और आयुष मंत्रालय के सचिव ने जामनगर में समारोह स्थल का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया। स्थल के दौरे के बाद श्री सर्बानंद सोनोवाल ने जिला अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की और ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन के बारे में पत्रकारों को संबोधित किया, आयुष मंत्रालय तथा डब्ल्यूएचओ के बीच साझेदारी के प्रमुख विषयों पर चर्चा की और कोविड-पश्चात दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा के बढ़ते महत्व पर जोर दिया।

आगामी ऐतिहासिक समारोह पर टिप्पणी करते हुए, श्री सर्बानंद सोनावाल ने कहा, “वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा के लाभों को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत करना है। यह पहल भारत के साथ-साथ वैश्विक समुदाय के लिए सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करने में मदद करेगी और इसके लिए एकमात्र हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी धन्यवाद के पात्र हैं।

आधुनिक विज्ञान, नवाचार और पारंपरिक चिकित्सा को एक साथ लाने से एक स्थायी स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। हम डब्लूएचओ और भारत सरकार द्वारा सहयोगात्मक और रणनीतिक प्रयासों का जश्न मनाने के लिए जामनगर में आगामी कार्यक्रम की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"

जबकि जामनगर एक केंद्र के रूप में काम करेगा, नए केंद्र को दुनिया के सभी क्षेत्रों को जोड़ने और लाभान्वित करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। जीसीटीएम चार मुख्य रणनीतिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, साक्ष्य और शिक्षा, डेटा और विश्लेषण, स्थिरता और इक्विटी और वैश्विक स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक चिकित्सा के योगदान को अनुकूलित करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी।

यह पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और उत्पादों पर नीतियों और मानकों के लिए ठोस साक्ष्य का आधार तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और देशों को इसे अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों में उपयुक्त रूप से एकीकृत करने के साथ-साथ इष्टतम और टिकाऊ प्रभाव के लिए इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा को विनियमित करने में मदद करेगा।
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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।