छाछ
"छास वारे पीओ छास"
छाछ के कितने प्रकार है ?
छाछ कब नहीं पी सकते है ?
छाछ से कौनसे रोगों का नाश होता है ?
छाछ में कौन कौन से गुण होते है ?
ऐसा क्यों कहते है की "तक्रं शक्रस्य दुर्लभं " की छाछ तो इंद्र को भी दुर्लभ है.
और भी कई सारी रसप्रद बातें सुनिए छाछ के के बारे मैं.
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Topic: छाछ ("छास वारे पीओ छास") Buttermilk
Time: Jun 15, 2022 03:00 PM India
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Widal Test Positive है।
टाइफाइड की शास्त्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सा
(1). गोदन्ती भस्म 10 ग्राम
त्रिभुवन कीर्ति रस 5 ग्राम
अभ्रक भस्म 5 ग्राम ( शत पुटी )
गिलोय भस्म 10 ग्राम
संजीवनी वटी 5 ग्राम
उपरोक्त में त्रिभुवन कीर्ति और संजीवनी वटी को पहले भलीभांति खरल में पीस लें फिर सभी ओषधियों को एक साथ मिलाकर 20 कागज की पुडिया बना लें उसके बाद एक पुड़िया सुबह एक शाम को लें साधारण पानी के साथ खाना खाने के बाद,
(2). द्राक्षावलेह एक चमच सुबह एक चमच शाम को लें खाली पेट।
(3). महासुदर्शन चूर्ण 3 ग्राम सुबह 3 ग्राम शाम को लें। साथ में आप गरिष्ठ भोजन का त्याग करें हल्का भोजन लें मूंग दाल खिचडी दलिया पालक का सूप लोकी तोराई की सब्जी फल सेव अनार लें गर्म पानी का सेवन करें, स्नान करें। ठंडे जल से स्नान न करें।