योग की तर्ज पर अब देसी घी की ब्रैंडिंग करेगा भारत - India will Brand Desi Ghee In Hindi
नई दिल्ली| जैतून का तेल दुनिया में सबसे अच्छा व स्वास्थ्यवर्धक तेल माना जाता है, लेकिन भारत अब देसी घी को दुनिया के बाजारों में उतार कर जैतून के तेल को टक्कर देने की योजना बना रहा है। केंद्रीय पशुपालन व डेयरी मंत्रालय में सचिव अतुल चतुर्वेदी का कहना है कि योग की तरह देसी घी की ब्रैंडिंग करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देसी घी दुनिया का एकमात्र कुकिंग मीडियम है जिसका एक से अधिक बार उपयोग करने से नुकसान नहीं है, लिहाजा यह जैतून के तेल की तुलना में बेहतर साबित हो सकता है।
इस सिलसिले में केंद्र सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिकों को जैतून तेल के मुकाबले देसी घी में पाए जाने वाले पौष्टिक व गुणकारी तत्वों की तुलना रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
चतुर्वेदी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि देसी घी जैतून के तेल से बेहतर है, जिसकी बै्रंडिंग करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, "हमने जिस तरह हमने योग की बैड्रिग की है उसी तरह अगर देसी घी की ब्रैंडिंग की जाए तो यह दुनिया के बाजारों में भारत का एक अच्छा उत्पाद बन सकता है, जिसका हम निर्यात कर सकते हैं। हमने आईसीएआर को जैतून का तेल व अन्य खाने के तेल से देसी घी की तुलना पर रिपोर्ट मांगी है।"
चतुर्वेदी ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा देसी घी को खाने के अन्य तेलों के मुकाबले बेहतर बताए जाने पर इसकी ब्रैंडिंग की जाएगी।
उन्होंने कहा, "जिस तरह यूरोपीय देशों ने जैतून की ब्रैंडिंग सबसे अच्छा खाद्य तेल के रूप में किया है, उसी तरह देसी घी की ब्रैंडिंग करके दुनिया को यह बताया जा सकता है कि जैतून के तेल से भी घी बेहतर है।"
आयुर्वेद में घी को खाने के तेलों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है जो पित्त और वात दोष में गुणकारी होता है। घी का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।
अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि भारत से दूध और दूध के अन्य उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए उत्पादन लागत कम करने के साथ-साथ पशुओं को रोगमुक्त करना जरूरी है, जिसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
(आईएएनएस के प्रमोद कुमार झा की रिपोर्ट)
और पढ़े >>> आयुर्वेद में वर्णित कचनार के गुणों को AIIMS ने भी माना, शोध होगा