Home Blogs Vaidya Street डॉ. आशीष कुमार से जानिए आयुर्वेद और बीमारियों से संबंधित 10 कॉमन सवालों के जवाब

डॉ. आशीष कुमार से जानिए आयुर्वेद और बीमारियों से संबंधित 10 कॉमन सवालों के जवाब

By NS Desk | Vaidya Street | Posted on :   08-Jan-2019

अक्सर बीमारियों को लेकर हमारे मन में कई तरह के सवाल उठते है. हम सोचते हैं कि हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे थे फिर बीमार कैसे पड़ गए? क्या आयुर्वेद से जल्दी इलाज हो सकता है? ऐसे ही मन में उठने वाले दस प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं डॉ(वैद्य)आशीष कुमार जो आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ भी हैं. ( डॉ. आशीष कुमार, विशेषज्ञ, आयुर्वेद एवं पंचकर्म)

प्रश्न 1- हम बीमार क्यो होते है?*

उत्तर-हमारे शरीर मे कोई भी बीमारी होने का कारण है कि शरीर मे टॉक्सिन(बैक्टीरिया, वायरस, गंदगी) का रुक जाना एवं रुककर शरीर की क्रिया में बाधा डालकर बीमारियों को पैदा करना।

प्रश्न- 2 हमारे शरीर मे टॉक्सिन कहाँ से आते है?

उत्तर- हमारे खान पान की ज्यादातर चीजो में केमिकल एवं मिलावट होती है,एवं बाहर की धूल मिट्टी भी प्रदूषित है अतः ये सब हमारे शरीर मे धीरे धीरे टॉक्सिन इकट्ठा कर के बीमारी पैदा कर देती है।

प्रश्न 3- क्या प्रदूषण के अलावा भी और कोई कारण होता है बीमार होने का?

उत्तर- हाँ,जब हम अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज कर देते है तब भी हम बीमार पड़ जाते है,जैसे हमें भूख नही लग रही और हमने खाना खाया और हमको शौच की इच्छा है और हम उसको रोक लेवें ।

प्रश्न 4- क्या हमारा शरीर टॉक्सिन(गंदगी) को बाहर नही निकालता?

उत्तर- हमारा शरीर हमेशा गंदगी (टॉक्सिन) को मल मूत्र पसीना से बाहर निकालता है ,और कई बार ज्यादा खराब चीजे खाने पर उल्टी और दस्त से बाहर निकालता है।एवं अंदर कोई बैक्टीरिया वायरस के लिए शरीर को गर्म करके(बुखार) उनको खत्म करता है।

प्रश्न 5- वैद्य जी आप कहना चाहते हो कि उल्टी, दस्त ,और बुखार हमारे शरीर के मित्र है?

उत्तर- हाँ,संसार मे ज्यादातर जीव जंतु इसी तरीके से स्वस्थ रहते है ,कभी भी शुरुआत में उल्टी दस्त बुखार के लिये दवा नही लेनी चाहिए नही तो ये गंदगी हमारे शरीर मे रुक कर बड़ी बीमारी पैदा करती है।

प्रश्न 6- अगर धीरे धीरे गंदगी जमा हो जाये तब हम क्या करें?

उत्तर- आयुर्वेद में स्वस्थ व्यक्ति के लिये भी अलग अलग मौसम के अनुसार शरीर शुद्धि यानि थोड़ा सा उल्टी और दस्त के माध्यम से गंदगी को निकालने का नियम बताया है।उसको पंचकर्म चिकित्सा कहते है।

प्रश्न 7 क्या ऐसा हो सकता है कि हमारे शरीर मे कोई गंदगी जमा ही न हो?

उत्तर- हाँ,अगर स्वस्थ व्यक्ति आयुर्वेद दिनचर्या को अपनाएं और अपने शरीर की प्रकृति को समझकर खान पान अपनाएं तो वह हमेशा ही स्वस्थ रह सकता है।परन्तु अगर रोगी व्यक्ति है तो वह पहले चिकित्सा कर के स्वस्थ हो जाये फिर दुबारा बीमार न पड़े उसके लिये नियम पालन करे

प्रश्न 8 - क्या कर रोगी को पंचकर्म(गंदगी बाहर निकालना)करना आवश्यक है।

उत्तर- नही,अगर रोग कम समय से है और गंदगी थोड़ी है तो सिर्फ आयुर्वेद दवा खाकर और परहेज करके भी ठीक हो सकते है परन्तु रोग गम्भीर और पुराना हो तो पंचकर्म करवाने से शीघ्र ही रोग दूर हो जाता है।

प्रश्न 9 - क्या आयुर्वेद इलाज में बहुत समय लगता है?

उत्तर-बिल्कुल नही,यह 1 भ्रांति है,हम आयुर्वेद चिकित्सा करवाने के लिये बहुत देर में जाते है तब तक हमारे शरीर मे गंदगी घर बना लेती है और उसको निकालने में थोड़ा समय लगता है।अगर हम जल्दी एवं पहली बार मे ही आयुर्वेद चिकित्सा करवाएं तो अल्प समय में ही ठीक हो जाते है।

प्रश्न 10 - इसका मतलब है कि स्वस्थ व्यक्ति को आयुर्वेद दिनचर्या और ऋतुचर्या अपनाकर स्वास्थ्य की रक्षा करनी चाहिये और रोगी को शीघ्रता से आयुर्वेद एवं पंचकर्म चिकित्सा करवानी चाहिए।

उत्तर- बिल्कुल सही,इस बात को हमेशा याद रखना,और सबको आगे बताना,जिससे आपको खुशी और पुण्य मिले,खुश रहना भी स्वस्थ रहने का लक्षण है।

*धर्मार्थ एवं पुण्यार्थी आयुर्वेद एवं पंचकर्म औषधालय (ट्रस्ट) महावीर पूरा,श्री हनुमान मड़िया के पीछे,ललितपुर,ऊत्तर प्रदेश*

(स्रोत - सोशल मीडिया)

NS Desk

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।