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ClinicsBy NS Desk | NirogStreet News | Posted on : 12-Feb-2019
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में 31 साल बाद वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ आयुर्वेद (डब्ल्यूसीए) का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश-दुनिया के आयुर्वेद विशेषज्ञ आयुर्वेद को वैज्ञानिक कसौटी पर कसते हुए इसे विश्व पटल पर स्थापित करने पर मंथन करेंगे।
बीएचयू के आयुर्वेद संकाय प्रमुख प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया कि 1987 के बाद अब 14 से 16 फरवरी तक आयुर्वेद पर वर्ल्ड कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। स्वतंत्रता भवन में आयोजित होने वाले समारोह में मुख्य अतिथि आयुष मंत्रालय के सचिव डॉ.राजेश कोटेचा होंगे। इसमें कई देशों के आयुर्वेद विशेषज्ञ शामिल होंगे। खासतौर पर अमेरिका और जर्मनी में महर्षि आयुर्वेद संस्थान से जुड़े और माधव बाग संस्था हृदय के सदस्य भाग लेंगे।
तीन दिवसीय सम्मेलन के 48 सत्रों में आयुर्वेद के प्रायोगिक और व्यवहारिक पक्षों के साथ आयुर्वेद शिक्षण प्रक्रिया में सुधार के लिए टेलिएजुकेशन के साथ नवीन विधाओं पर चर्चा होगी। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आयुर्वेद के विकास के लिए तय बिंदु आयुष मंत्रालय भेजे जाएंगे ताकि उनके आधार पर आयुर्वेद चिकित्सा को नई दिशा देने में मदद मिले।
प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया कि वर्ल्ड कांग्रेस के दौरान आम जनता को आयुर्वेद की महत्ता बताने और जागरूक करने के लिए मेला भी लगाया जाएगा। इसमें देश के सभी हिस्सों में तैयार होने वाले आयुर्वेद उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। लोगों के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए फूड सप्लिमेंट के तौर पर बीएचयू में तैयार 12 दवाओं को भी मेले में जगह मिलेगी।
वर्ल्ड कांग्रेस के आयोजन सचिव वैद्य सुशील कुमार दुबे ने बताया कि बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में ड्रग टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है। जुलाई तक इस लैब के चालू होने पर छोटी-बड़ी कंपनियां आयुर्वेदिक दवाओं की टेस्टिंग करा सकेंगी। बनारस में करीब 2200 कंपनियां है, जिनके लिए यह बड़ा प्लैटफॉर्म साबित होगा। (खबर का स्रोत - नवभारत टाइम्स)
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