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पोषण के बारे में जागरूकता फैलाने के एक समर्पित मिशन है आहार क्रांति

By NS Desk | NirogStreet News | Posted on :   14-Apr-2021

नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। देश से कुपोषण को मिटाने के लिए, जो 21वीं सदी में भी कायम है, लगभग एक दर्जन प्रमुख निजी के साथ-साथ सरकारी संस्थानों और मंत्रालयों का एक समूह आहार क्रांति मिशन लेकर आया है।

इस मिशन के तहत भारत में स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन, फलों और सब्जियों से मिलने वाले पोषण को लेकर जागरूकता फैलाने का उद्देश्य है।

आहार क्रांति विकास कार्यक्रम का उद्देश्य, देश के प्रत्येक नागरिक के बीच एक अच्छे आहार का संदेश फैलाना है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश के सभी कोनों तक यह संदेश पहुंचे, समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल होना होगा।

आहार क्रांति आंदोलन को भारत और दुनिया में बहुतायत में भूख और बीमारियों की गंभीर समस्या का समाधान करने के लिए तैयार किया गया है। अध्ययन से पता चला है कि भारत जितनी कैलोरी का उपयोग करता है उससे दोगुनी ऊर्जा का उत्पादन करता है। हालांकि अभी भी अनेक लोग कुपोषित हैं। इस अजीबो-गरीब हालात का मुख्य कारण पोषण संबंधी जागरूकता का अभाव है।

इस आंदोलन में भारत की परंपरागत खुराक का मूल्य और पौष्टिकता के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम करके इस समस्या का समाधान करने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि स्थानीय फलों और सब्जियों की ताकत और संतुलित आहार के चमत्कारों का लाभ उठाया जा सके। इस आंदोलन में स्थानीय फलों और सब्जियों में पोषक रूप से संतुलित आहार को परिपूर्ण बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अध्ययनों से अनुमान लगाया गया है कि भारत जितनी कैलोरी का उपभोग करता है उससे दो गुना अधिक उत्पादन करता है। हालांकि, देश में कुछ लोग अभी भी कुपोषित हैं। इस अजीब घटना का मूल कारण पोषण संबंधी जागरूकता की कमी है।

स्थिति को ध्यान में रखते हुए, विजनाना भारती (विभा), ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोक्रेट्स फोरम (जीआईएसटी), विज्ञान प्रसार और प्रवासी भारतीय अकादमिक और वैज्ञानिक सम्पर्क (प्रभास) आहार क्रांति मिशन को लॉन्च करने के लिए एक मंच पर आए हैं। इसका आदर्श वाक्य है- उत्तम आहार-उत्तम विचार या अच्छा आहार-अच्छी अनुभूति।

आहार क्रांति आंदोलन भारत और दुनिया के सामने आ रही भुखमरी एवं कुषोषण की समस्या के समाधान के लिए शुरू किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि यह आंदोलन लोगों को भारत के पारंपरिक आहार की खूबियों को जानने के साथ ही स्थानीय फलों और सब्जियों एवं संतुलित आहार से होने वाले फायदों के बारे में बताकर समस्या का समाधान करने का प्रस्ताव करता है।

बयान के अनुसार, यह स्थानीय रूप से खट्टे फलों और सब्जियों से मिलने वाले पोषण एवं संतुलित आहार पर ध्यान केंद्रित करेगा।

विजनाना भारती (विभा) और ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोक्रेट्स फोरम ने इस कार्यक्रम की शुरूआत की है, लेकिन कई अन्य एजेंसियां भी इसमें शामिल हो गईं और उन्होंने अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों का उपयोग करने के बारे में सहमति भी व्यक्त की है।

इसके अलावा विभिन्न केन्द्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालय तथा एजेंसियां के अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त निकाय, विज्ञानप्रसार तथा प्रवासी भारतीय अकादमिक और वैज्ञानिक संपर्क (प्रभास) भी इस सहयोगात्मक प्रयास का एक हिस्सा बन गए हैं। अनेक संगठन इस मिशन में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

वर्चुअल मोड में इस पहल की शुरूआत करते हुए, केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आहार क्रांति जैसे समाज कल्याण कार्यक्रम को मां अन्नपूर्णा के चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस पर एक जन आंदोलन के रूप में शुरू किया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि आज जब देश कोविड-19 जैसी महामारी के हमले से ग्रस्त है, एक संतुलित आहार इस महामारी के प्रभाव को कम करने में एक विशेष उपाय के रूप में कार्य करता है। ऐसे समय में संतुलित आहार के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

उन्होंने विदेशी भारतीय वैज्ञानिकों की प्रशंसा की, जो इस अभियान में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय को संतुलित आहार का संदेश देना एक बहुत अच्छा प्रयास है। मंत्री ने कहा कि आप लोगों ने इस कार्यक्रम के लिए जो आदर्श वाक्य बनाया है वह बहुत सराहनीय है तथा अच्छा आहार-अच्छे विचार जैसे नारे देश के लोगों को एक मंच पर लाते हैं।

उन्होंने डॉ. येलोजीराव मिरजकर, डॉ. श्रीनिवासराव और जीआईएसटी के श्रीप्रफुल्ल कृष्णा के योगदानों का विशेष रूप से उल्लेख किया, जिन्होंने एक साथ मिलकर इस कार्यक्रम को एक जन अभियान के रूप में आकार प्रदान करने के लिए विचार-विमर्श की शुरूआत की।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम जानते हैं कि आप लोगों ने बड़ा महत्वपूर्ण कार्य अपने हाथों में लिया है। यह कार्यक्रम अनेक वर्षों तक चलेगा और हरित एवं श्वेत क्रांति की तरह आम आदमी तक पहुंचेगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल स्वस्थ व्यक्ति ही समृद्ध समाज का नेतृत्व कर सकता है। मंत्री ने कहा कि भारतीय आयुर्वेद पूरे विश्व के लिए एक मार्गदर्शक बन गया है। यह उचित समय है कि आज हम स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए इस ज्ञान का उपयोग करें।

आहार क्रांति विकास कार्यक्रम पोषण तथा भारत में स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन, फलों और सब्जियों तक पहुंच स्थापित करने के बारे में समर्पित एक मिशन है।

इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक तक अच्छे आहार का संदेश पहुंचाना है। यह आवश्यक है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को इसमें शामिल किया जाए, ताकि यह संदेश देश के हर कोने तक पहुंच सके।

NS Desk

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