AYURVEDA
MedicineDOCTOR
e-ConsultAYURVEDA
ClinicsBy NS Desk | NirogStreet News | Posted on : 13-Feb-2020
उत्तराखंड में राष्ट्रीय आरोग्य मेले की शुरुआत : National Arogya Fair in Hindi
देहरादून. आयुर्वेद और योग से उत्तराखंड विश्व में अपनी एक अलग पहचान बना सकता है। देश दुनिया के मानचित्र में वेलनेस टूरिज्म का उत्तराखंड सबसे बड़े डेस्टिनेशन के रूप में उभर सकता है। प्रदेश सरकार भी इस दिशा में प्रयासरत है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को आयुष मंत्रालय, प्रदेश सरकार और पीएचडी चैंबर आफ कामर्स के सहयोग से परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय आरोग्य मेला 2020 की शुरुआत करते हुए उक्त बाते कही।
उन्होंने आगे कहा कि प्रकृति ने उत्तराखंड को सब कुछ दिया है। यह प्रदेश आयुर्वेद व योग की जन्म भूमि भी है। पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं जड़ी-बूटी उत्पादन में प्रत्यक्ष साझेदारी कर रही है। आयुर्वेद, योग और सभी आयुर्वेद पद्धति राज्य को स्वस्थ बनाने के साथ आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम भी हैं।
बुधवार से शुरू हुए आरोग्य मेले में ओपीडी और परामर्श पूर्णतया निःशुल्क है। उसके अलावा उपचार के लिए दी जाने वाली दवाइयों के लिए भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। आरोग्य मेले में आयुर्वेद, लीच थेरेपी,पंचकर्म , होम्योपैथी, नेचुरोपैथी,, यूनानी आदि पद्धतियों से उपचार किया जा रहा है।
इस मौके पर पंतजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि राज्य में हर्बल फॉरेस्ट पार्क विकसित करने की जरूरत है। सरकार को जड़ी-बूटी के संरक्षण व संवर्धन के लिए भी विशेष ध्यान देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि देश में बीस हजार प्रकार की जड़ी बूटियां पाई जाती है जिसमें उत्तराखंड में बारह हजार प्रजातियों की वनस्पतियां है। लेकिन अभी तक इन जड़ी-बूटियों का का डॉक्यूमेंटशेन नहीं किया गया।
आरोग्य मेले के शुभारम्भ के मौके पर आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति कैंची व चिमटा का मुकाबला नहीं कर सकती है। लेकिन आयुष के क्षेत्र में परंपरागत अनुभव, ज्ञान और वैज्ञानिक सोच के साथ विश्व स्तर पर आगे बढ़ना होगा। तभी दुनिया के लोग आयुर्वेद को स्वीकार करेंगे। पहले आयुष स्वास्थ्य विभाग का एक छोटा सा हिस्सा होता था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अलग मंत्रालय बनाया है। इस मंत्रालय में सचिव आईएएस नहीं, बल्कि वैद्य को बनाया गया।
अपनी बात को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा कि पांच दिवसीय आरोग्य मेले में आयुर्वेदिक औषधि निर्माता कंपनियां, आयुष के विशेषज्ञ व शोधार्थी जुटेंगे। यह सभी विशेषज्ञ विभिन्न तकनीकी सत्र में बैठकर चर्चा करें व प्रदेश में आयुष के विकास का मार्ग तैयार करें। उत्तराखंड जड़ी-बूटी और जैव विविधता का भंडार है, हमें उनकी पहचान करनी होगी। आयुष के माध्यम से कई असाध्य रोगों का इलाज संभव है, इसलिए मेले में आए शोधार्थियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उनके शोध का लाभ प्रदेश और देश के लोग लें।
आयुष मंत्री कार्यक्रम में पीएचडी चैंबर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीके अग्रवाल ने पांच दिवसीय मेले के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर योग गुरु पद्मश्री भारत भूषण, नगर निगम दून के मेयर सुनील उनियाल गामा, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, विधायक केदार सिंह रावत, भारत सरकार आयुष मंत्रालय में उप सचिव रामानंद मीणा, सचिव आयुष दिलीप जावलकर, पीएचडी चैंबर उत्तराखंड के अध्यक्ष वीरेंद्र कालरा, एसपी कोचर, नरेंद्र भट्ट, प्रदीप मलवानी, दर्जाधारी विश्वास डाबर, निदेशक आयुष आनंद स्वरूप, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार जोशी आदि मौजूद थे।
Are you an Ayurveda doctor? Download our App from Google PlayStore now!
Download NirogStreet App for Ayurveda Doctors. Discuss cases with other doctors, share insights and experiences, read research papers and case studies. Get Free Consultation 9625991603 | 9625991607 | 8595299366