AYURVEDA
MedicineDOCTOR
e-ConsultAYURVEDA
ClinicsBy NS Desk | NirogStreet News | Posted on : 02-May-2020
आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आयुष और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालयों के आयुष उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ : केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत की आयुष पद्धतियों में भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने की एक बहुत बड़ी क्षमता है क्योंकि यहां सदियों से प्रचलित निदान एवं उपचार के वैकल्पिक तरीकों की लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है। उन्होंने अधिक से अधिक अनुसंधान और नवाचार करने का आह्वान किया ताकि आयुष क्षेत्र को और आगे बढ़ाने में मदद मिले। श्री गडकरी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की विभिन्न योजनाओं के तहत देश में आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयुष उद्यमिता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय आयुर्वेद, होम्योपैथी, योग एवंसिद्ध पद्धतियों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाना जरुरी है।
उन्होंने कहा कि चूंकि भारतीय आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी एवंसिद्ध पद्धति की अन्य देशों में बहुत मांग है, इसलिए मौजूदा उद्यमियों को इस अवसर का लाभ उठाकर वहां अपने क्लीनिक / आउटलेट खोलने चाहिए और निर्यात को सहारा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर आयुर्वेदिक उपचार और योग की भारी मांग है, जोकि बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मांग को विशेष रूप से ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित मानव संसाधन को बढ़ाकर पूरा किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यहां एक ऐसा कार्यक्रम शुरू करने की जरूरत है जोकि भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा देने के उद्देश्य से आयुष क्षेत्र को मजबूती दे सके, अधिक उद्यमों और रोजगार का सृजन कर सके। मंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि चूंकि आयुर्वेद का कच्चा माल आमतौर पर वन क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों, आदिवासी क्षेत्रों, आकांक्षा जिलों में पाया जाता है, इसलिएइन इलाकों में रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास और स्वरोजगार के लिए प्रसंस्करण इकाइयों एवं क्लस्टरों की जरूरत है।
श्री गडकरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रशिक्षित योग विशेषज्ञों / प्रशिक्षकों को विकसित करने की बहुत आवश्यकता है और इसके लिए प्रसिद्ध प्रशिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं। उन्होंने हमारे दैनिक जीवन में योग, आयुर्वेद और संतुलित आहार को शामिल करके जीवनशैली में बदलाव लाने पर बल दिया। उन्होंने आगे कहा कि जो नवाचारी / वैकल्पिक उपचार राहत प्रदान करने में सक्षम हैं, उन्हें उचित कौशल विकास के साथ संबद्ध और सम्मिलित किया जाना आवश्यक है ताकि वे सभी के बीच लोकप्रिय हो सकें।
इस मौके पर आयुष मंत्रालय में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपाद येसो नाइक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री श्री प्रताप सारंगी, दोनों मंत्रालयों के सचिव तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के विकास आयुक्त भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री श्रीपाद येसो नाइक ने एमएसएमई और आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और कहा कि वो दुनिया भर में आयुष को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर इसी तरह के सहयोग की तलाश कर रहे हैं। श्री नाइक ने आयुष मंत्रालय द्वारा कोविड-19 महामारी के बारे में किए गए प्रयासों की जानकारी दी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री श्री प्रताप सारंगी ने कोविड–19 महामारी के वर्तमान परिदृश्य में आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और दोनों मंत्रालयों के बीच घनिष्ठ एवं बड़े पैमाने पर समन्वय का सुझाव दिया। श्री राम मोहन मिश्र, विशेष सचिव एवं विकास आयुक्त (एमएसएमई), ने अपने प्रारंभिक उदगार में, एमएसएमई मंत्रालय की मौजूदा योजनाओं के समर्थन के साथ आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिएसहयोग की पृष्ठभूमि को रेखांकित किया और इस दिशा में एमएसएमई मंत्रालय की कार्य योजना प्रस्तुत की।
आयुष से तात्पर्य दवाओं की आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी प्रणाली से है। आयुष के प्रमुख क्लस्टर हैं: अहमदाबाद, हुबली, त्रिशूर, सोलन, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कन्नूर, करनाल, कोलकाता एवं नागपुर।
इस क्षेत्र को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें असंगठित क्षेत्र, विनिर्माण संबंधी अच्छे चलन की कमी, गुणवत्ता प्रणाली, परीक्षण आदि, पारंपरिक विपणन पद्धति, निर्यात के लिए छोटे अवसर, प्रचार कार्यक्रमों और सहायता की कमी शामिल हैं।
आज आयोजित कार्यक्रम आयुष क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए कार्य योजना का हिस्सा है। लगभग 1000 आयुष आधारित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों ने विभिन्न ऑनलाइन / सोशल मीडिया मोड के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया क्योंकि इस कार्यक्रम को एक साथ सोशल मीडिया प्लेटफर्मों पर सीधा प्रसारित किया गया था।
आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दो मंत्रालयों ने एक कार्य योजना बनाई है। इसी के अनुरूप कुछ दिनों पहले आयुष मंत्रालय एवं और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। प्रोत्साहन के आगे के रोडमैप में फील्ड ऑफिसों द्वारा जरूरतों का मूल्यांकन एवं आयुष क्लस्टरों की पहचान और उन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की निम्नलिखित योजनाओं से जोड़ना शामिल है:
जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट / लीन – गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस
प्रोक्योरमेंट एंड मार्केटिंग सपोर्ट स्कीम – नेशनल / इंटरनेशनल ट्रेड फेयर, एग्जीविशन, जीईएम, पैकेजिंग, ई – मार्केटिंग, एक्सपोर्ट
एटीआई – कैपेसिटी बिल्डिंग एंड स्किल डेवलपमेंट
ईएसडीपी, इन्क्यूबेशन – स्टार्ट अप / एंटरप्राइज डेवलपमेंट
क्लस्टर डेवलपमेंट (एसएफयूआरटीआई / सीडीपी) – टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन
सीएलसीएस, पीएमईजीपी – फाइनेंसियल सपोर्ट
सीएआरटी (सेंटर फॉर एग्रो रूरल टेक्नोलॉजी) डिवीज़न – आयुष इन रूरल एरियाज
टेक्नोलॉजी सेंटर्स (हब एंड एएमपी; एसपीओकेई) –आयुष फोकस्ड टेक्नोलॉजी सपोर्ट
टेस्टिंग सेंटर्स– क्वालिटी इम्प्रूवमेंट / स्टैण्डर्डाजेशन
और पढ़े - आयुर्वेद के सिद्धांतों को विश्व अवश्य स्वीकार करेगा - प्रधानमंत्री मोदी
Are you an Ayurveda doctor? Download our App from Google PlayStore now!
Download NirogStreet App for Ayurveda Doctors. Discuss cases with other doctors, share insights and experiences, read research papers and case studies. Get Free Consultation 9625991603 | 9625991607 | 8595299366