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कोरोनावायरस प्रयोगशाला में तैयार जैविक हथियार नहीं

By NS Desk | NirogStreet News | Posted on :   24-Feb-2020

अमेरिका के महामारी विज्ञानविद् ने साजिश के तहत नोवल कोरोनावायरस की उत्पत्ति के सिद्धांत को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह वायरस 'जानवरों से स्वाभाविक रूप से लोगों तक' फैला है, न कि 'कुछ जैविक हथियार अनुसंधान के लिए बनाया गया' है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (यूसी बर्कले) के महामारी विज्ञानविद् ऑर्थर रींगगोल्ड के बयान का हवाला देते हुए कहा, "मैं उस सिद्धांत को खारिज करता हूं। हम जितना जानते हैं उसके आधार पर यह संभावना ज्यादा है कि यह ऐसा वायरस है जो जानवर में उत्पन्न हुआ और फिर लोगों में फैला, जैसे कि सार्स (सेवर एक्यूट रेस्पिरेटॉरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम)।"

इस वायरस के फैलने के दौरान कुछ अमेरिकी राजनेताओं ने इसे लेकर अफवाह फैलाया था।

सीनेटर टॉम कॉटन ने हाल ही में कहा था कि ऐसा हो सकता है कि कोरोनावायरस चीन में एक जैविक प्रयोगशाला में बनाया गया होगा।

संक्रामक रोगों के रोकथाम और नियंत्रण के लिए खुद को समर्पित कर चुके यूसी बर्कले में महामारी विज्ञान और बायोस्टैटिस्टिक्स के डिवीजन प्रमुख, रींगोल्ड ने कहा, "मुझे बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता कि इसे किसी बायोलॉजिकल वेपन रिसर्च में बनाया गया होगा। मेरा मानना है कि यह स्वाभाविक रूप से जानवरों से लोगों में फैला है।"

वहीं वॉशिंगटन स्थित संगठन नेशनल फाउंडेशन फॉर इंफेक्शियस डिसीज के मेडिकल डायरेक्टर विलियम शेफनर की राय भी यही है।

उन्होंने कहा, "जहां तक मुझे पता है, किसी भी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक ने यह प्रश्न नहीं उठाया है। कुछ वैज्ञानिक आंकड़े हैं, जो संकेत देंगे कि यह एक प्राकृतिक घटना है जैसा कि सार्स और मार्स थे।"

(आईएएनएस)

NS Desk

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