Home Blogs NirogStreet News भारत का आयुर्वेद आस्ट्रेलिया पहुंचा

भारत का आयुर्वेद आस्ट्रेलिया पहुंचा

By NS Desk | NirogStreet News | Posted on :   25-Nov-2019

Indian Ayurveda becomes global ( Source - Google Image)

Ayurveda and Indian Traditional Medicine legacy reaches Australia

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) ने नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एमओयू आधुनिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद के सिद्धांतों को एकीकृत करने के लिए अनुसंधान और विकासशील दिशानिर्देशों में सहयोग को बढ़ावा देगा।

ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बर्ने ग्लोवर और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) की निदेशक प्रोफेसर तनुजा नेसारी ने 22 नवंबर को एक प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ऑस्ट्रेलिया सरकार के शिक्षा मंत्री डेन तेहान कर रहे थे। एमओयू पर हस्ताक्षर का कार्यक्रम आयुष मंत्रालय में हुआ।

नई दिल्ली में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘इंडिया ऑस्ट्रेलिया इंटरनेशनल एजुकेशन एंड रिसर्च वर्कशाप’ कार्यक्रम के अवसर पर इस समझौते पर सहमति बनी और इसका आदान-प्रदान हुआ। मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री डेन तेहान और भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त महामहिम सुश्री हरिंदर सिद्धू की मौजूदगी में इस एमओयू का आदान-प्रदान हुआ।

‘गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करने के साथ ही शिक्षा, अनुसंधान और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में सहयोग के विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करके दोनों संस्थान अपने सहयोग को उच्चतम स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित बुनियादी ढांचे में निवेश को प्रोत्साहित करने पर भी सहमति बनी है। आधुनिक चिकित्सा की परंपरागत अवधारणाओं के साथ पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा को जोड़कर वैज्ञानिक प्रमाण उत्पन्न करने में उम्मीद है, जिससे आगे वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में योगदान करने में मदद मिलेगी।’

वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बर्ने ग्लोवर ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया की अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों में भारत प्राथमिकता वाले देशों में शामिल है। यह समझौता ज्ञापन स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के इतिहास में मील का एक और पत्थर है। डेटा वाली सुस्पष्ट प्रौद्योगिकियों का संयोजन और आयुर्वेदिक चिकित्सा ब्रह्मांड के लिए एक बेहतर एवं सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली प्रदान करने के वर्तमान लक्ष्यों, खासतौर पर पारंपरिक एवं पूरक चिकित्सा का एक सुरक्षित और प्रभावी एकीकरण विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।’

( स्रोत - पीआइबी )

READ MORE>>> सीसीआरएएस, जेएनयू और आईएलबीएस मिलकर करेंगे आयुर्वेद पर अनुसंधान

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और जर्मनी की फ्रैकफर्टर इनोवेशन्सजेन्ट्रम बायोटेक्नोलॉजी के बीच एमओयू

सेना के बेस अस्पताल में आयुर्वेद उपचार यूनिट की शुरुआत

महाराष्ट्र में खुलेंगे आरोग्य वर्धिनी

आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक दवा फीफाट्रोल पर AIIMS की मुहर

NS Desk

Are you an Ayurveda doctor? Download our App from Google PlayStore now!

Download NirogStreet App for Ayurveda Doctors. Discuss cases with other doctors, share insights and experiences, read research papers and case studies. Get Free Consultation 9625991603 | 9625991607 | 8595299366

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।