AYURVEDA
MedicineDOCTOR
e-ConsultAYURVEDA
ClinicsBy NS Desk | NirogStreet News | Posted on : 30-Nov-2020
भारत में वर्ष 2000 में जहां मलेरिया के करीब दो करोड़ मामले सामने आए, वहीं 2019 में मलेरिया के मामलों की संख्या घटकर लगभग 56 लाख हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
डब्ल्यूएचओ की हालिया विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत में मलेरिया के मामलों में सबसे बड़ी कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2018 की तुलना में 12 लाख मलेरिया के मामलों में कमी दर्ज की गई है।
वार्षिक अनुमान के तहत 2019 में मलेरिया के मामलों का वैश्विक स्तर 2.29 करोड़ था और यह अनुमान पिछले चार वर्षों में लगभग अपरिवर्तित रहा है। इस बीमारी ने 2018 में 411,000 की तुलना में 2019 में करीब 409,000 लोगों की जान ली।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से अफ्रीका में मलेरिया का अधिक प्रभाव देखा गया है।
जीवन रक्षक उपकरणों की पहुंच में कमी से इस बीमारी पर अंकुश लगाने के वैश्विक प्रयास कमजोर हुए हैं। इसके साथ ही अब विश्व भर के देश कोविड-19 महामारी से लड़ रहे हैं, जिस दौरान इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम गेब्रेयसस ने कहा, यह अफ्रीका और दुनिया भर के नेताओं के लिए समय है कि वे मलेरिया की चुनौती से पार पाने के लिए एक बार फिर से उठ खड़े हों।
उन्होंने मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त कार्रवाई पर जोर दिया।
भारत में हालांकि मलेरिया के मामलों में कमी जरूर देखी गई है, मगर यहां अभी भी यह बीमारी एक चुनौती बनी हुई है।
भारत दुनिया के 11 सबसे अधिक मलेरिया के बोझ वाले देशों में से एक है। अफ्रीका के बाहर भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां मलेरिया के मामले और इसकी वजह से होने वाली मौत दुनिया भर के मुकाबले लगभग 70 प्रतिशत है। (आईएएनएस)
Are you an Ayurveda doctor? Download our App from Google PlayStore now!
Download NirogStreet App for Ayurveda Doctors. Discuss cases with other doctors, share insights and experiences, read research papers and case studies. Get Free Consultation 9625991603 | 9625991607 | 8595299366