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ClinicsBy NS Desk | NirogStreet News | Posted on : 13-Nov-2020
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संकट के दौरान, जब महामारी के खिलाफ कोई विशेष समाधान नहीं है, तो प्रतिरक्षा बढ़ाने में भारतीय पारंपरिक औषधीय चिकित्सा बहुत प्रभावी साबित हुई है।
मोदी ने कहा, इस कठिन समय में, जब कोरोना के खिलाफ कोई विशिष्ट समाधान नहीं है, हल्दी और दूध जैसे पारंपरिक भारतीय औषधीय तरीके कड़े प्रतिरक्षा बूस्टर के तौर पर साबित हुए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि इस तरह के समृद्ध पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत करने की आवश्यकता है। इस ²ष्टिकोण पर, हमने भारत की स्वास्थ्य नीति में एक प्रमुख भाग के रूप में आयुर्वेद को शामिल किया है। संसद के इस वर्ष के मानसून सत्र में, दो विधेयक राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति आयोग और होम्योपैथी के लिए राष्ट्रीय आयोग के गठन के लिए पारित किए गए।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि हमारी नई शिक्षा नीति चिकित्सा शिक्षा में हमने एक एकीकृत ²ष्टिकोण पर जोर दिया है, जहां आधुनिक एलोपैथिक औषधीय शिक्षा में आयुर्वेद का एक बुनियादी ज्ञान और आयुर्वेदिक औषधीय शिक्षा में एलोपैथी के बुनियादी ज्ञान पर जोर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आयुर्वेद दिवस पर दो आयुर्वेद संस्थानों को समर्पित किया है। प्रधानमंत्री ने गुजरात के जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम में यह बात कही। इस मौके पर बोलते हुए मोदी ने कोरोना काल में आयुर्वेद के महत्व और इसके फायदों को लेकर बात की।
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पारंपरिक दवाओं पर शोध को मजबूत करने के लिए भारत में पारंपरिक चिकित्सा पर डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर की स्थापना कर रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आयुर्वेद हमारी परंपरा है और कोरोना काल में आयुर्वेद की परंपरा से देश को फायदा मिला। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी काल में हल्दी समेत कई अन्य चीजों ने इम्युनिटी बूस्टर का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कोरोना काल में आज दुनिया भर में लोग आयुर्वेद को लेकर बात करते रहे हैं, वह इसके बारे में जानना चाहते हैं। आयुर्वेद को लेकर दुनिया में रिसर्च हो रहा है। मोदी ने आगे कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारत वैश्विक कल्याण में एक लीडर के रूप में उभरेगा।
जामनगर इंस्टीट्यूट में उद्घाटन समारोह में मौजूद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक का आभार जताया।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में आयुर्वेद ने आयुर्वेदिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक चिकित्सा पेशेवरों के माध्यम से एक प्रमुख भूमिका निभाई है। ( आईएएनएस )
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