Home Blogs NirogStreet News उत्तरप्रदेश में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के सेवा न देने पर 1 करोड़ का जुर्माना

उत्तरप्रदेश में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के सेवा न देने पर 1 करोड़ का जुर्माना

By NS Desk | NirogStreet News | Posted on :   13-Dec-2020

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य के सभी पोस्टग्रेजुएट मेडिकल छात्रों के लिए अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद सरकारी क्षेत्र में कम से कम 10 साल की सेवाएं देना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा न करने पर मेडिकल छात्रों को एक करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद के अनुसार, यदि राज्य में पीजी मेडिकल छात्र 10 साल के पहले सरकारी नौकरी छोड़ते हैं, तो उन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही बीच में पीजी छोड़ने वाले छात्रों पर 3 साल के लिए कोर्स में दाखिला लेने पर रोक लगा दी जाएगी।

राज्य के अस्पतालों और चिकित्सा प्रतिष्ठानों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से निपटने के लिए ये निर्णय लिया गया है। प्रसाद ने यह भी कहा कि राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए 15,000 से अधिक पद सृजित किए गए हैं और वर्तमान में 11,000 एमबीबीएस डॉक्टर इन पदों पर काबिज हैं।

राज्य सरकार ने आगे कहा है कि ग्रामीण सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एमबीबीएस डॉक्टरों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) पीजी परीक्षा में एक साल की रियायत भी मिलेगी। इसी तरह, ग्रामीण सरकारी अस्पताल में 2 साल के अनुभव वाले लोगों को नीट परीक्षा में 20 अंकों की छूट मिलेगी, जबकि तीन साल के अनुभव वालों को 30 अंकों की छूट मिलेगी।

इस फैसले के बाद स्नातकोत्तर मेडिकल छात्रों के लिए निजी क्षेत्र में नौकरियों के लिए जाना बेहद मुश्किल होगा, जब तक कि वे एक करोड़ रुपये का जुर्माना देने के लिए तैयार नहीं होते हैं। (आईएएनएन)

NS Desk

Are you an Ayurveda doctor? Download our App from Google PlayStore now!

Download NirogStreet App for Ayurveda Doctors. Discuss cases with other doctors, share insights and experiences, read research papers and case studies. Get Free Consultation 9625991603 | 9625991607 | 8595299366

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।