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ClinicsBy Dr Pooja Kohli | NIrog Tips | Posted on : 08-Aug-2019
Shirodhara Therepy (Courtesy - Kerla tourism)
आयुर्वेद में पंचकर्म का एक अलग महत्व है. इसकी मदद से शरीर में संचित दोषों को बाहर निकाला जाता है. पंचकर्म (panchkarma) दोषों और ऋतु के हिसाब से दिया जाता है. इनमें से कुछ प्रमुख है वमन,विरेचन, बस्ती, रक्तमोक्षण आदि. इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है शिरोधारा. शिरोधारा मानसिक बीमारियों में दिया जाता है या तब दिया जाता है जब सिर से संबंधित कोई समस्या हो. इसमें हमारे सिर पर तेल की एक धारा चलती है जो ख़ास मर्म पर गिरती है. इसे ही शिरोधारा कहते हैं. ये पूरी प्रक्रिया 45 मिनट की होती है.
शिरोधारा को हम तेल के अलावा तक्र (छाछ से) और दूध से भी कर सकते हैं. तक्रधारा का प्रयोग त्वचा संबंधी रोग सोरायसिस (psoriasis) आदि में काफी फायदेमंद साबित होती है. इसके अलावा ज्यादा उम्र के रोगियों को जिन्हें तेल नहीं दिया जा सकता उन्हें तक्रधारा दिया जा सकता है. ऐसे लोग जिन्हें नींद नहीं आ रही, उनके लिए भी शिरोधारा थैरेपी बहुत काम करती है.
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