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ClinicsBy Dr Abhishek Gupta | NIrog Tips | Posted on : 19-Jan-2023
प्रश्न - मेरे पैर का घुटने के नीचे का हिस्सा ठंडा और सुन्न रहता है। इसका क्या कारण है? कृपया आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार बताएँ।
उत्तर - इस समस्या के होने के कई कारण हो सकते हैं, मुख्य रूप से कई बार एक ही पोजिशन में पैर लटका कर लंबे समय तक बैठे रहने से भी ऐसा हो सकता है या ठंडे कमरे अथवा ठंडे स्थान में लंबे समय तक होने से भी ऐसा होना संभव है क्योंकि इससे पैर का रक्त प्रवाह सीमित हो सकता है।
यदि ऐसा सिर्फ एक बार ही हुआ है तो आपको ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि ऐसा बार-बार हो रहा है तो आपको गंभीरता से इसका इलाज करवाने की जरूरत है।
यदि आपका पैर लंबे समय से ठंडा है, या ठंड के साथ दर्द, झुनझुनी या सूनापन या कमजोरी है तो उस स्थिति में, यह न्यूरोपैथी या पैरिफेरल आर्टरी डिसीज जैसी स्थिति का संकेत हो सकता है।
इसमें शरीर में ख़ून का संचार करने वाली रक्त वाहिकाएं (आर्टरीज) सुकड़ना आरंभ हो जाती हैं, इन आर्टरीज में फैट या कैल्शियम का जमा होना शुरू हो जाता है, जोकि ज्यादातर शारीरिक रूप से कम व्यायाम करने वाले लोगों, मोटापा से ग्रस्त, मेटाबोलिक रोगों से ग्रस्त लोगों या स्मोकिंग, अधिक शराब पीने, तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में सबसे अधिक होती है।
इस स्थिति से बचाव के लिए सबसे बेहतर तरीका है अपने खानपान और अनियमित दिनचर्या को सही करना, यदि वजन अधिक हो तो उसको कम करने का प्रयास करना चाहिए, शराब, सिगरेट, तंबाकू, मिर्च-मसालेदार, देर से पचने वाला भोजन जैसे मैदा से बने पदार्थ मोमोज, पराठें, राजमा, छोले-भटूरे, पूड़ी आदि गरिष्ठ भोजन का पूरी तरह से निषेध करना चाहिए, अपने हाथ-पैरों को गर्म रखें इसके लिए हीटिंग पैड आदि से सिकाई कर सकते हैं, मोटे मोजे पहन सकते हैं, गुनगुने पानी में सैंधा नमक डालकर पैरों की सिकाई करने से लाभ मिलता है।
आयुर्वेद में कुछ विशेष तरह की जड़ी बूटियों से बनी "पोटली" थैरपी से इस स्थिति में तेज़ी से लाभ मिलते हैं, इसके अलावा आयुर्वेद में "शिरावेध" प्रक्रिया से भी बेहद अच्छे लाभ इस बीमारी में मिलते हैं। (डॉ. अभिषेक गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, निरोगस्ट्रीट)
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Co-Founder - Nirog Street, Consultant Physician and Surgeon Ex Advisor - Apollo Pharmacy, Editor- Brahm Ayurved Magazine