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ClinicsBy Vaidya Anirudha Mohite | NIrog Tips | Posted on : 24-Nov-2021
सर्दियों में आयुर्वेद के घरेलू नुस्खे को अपनाकर स्वास्थ्य रक्षण किया जा सकता है
आयुर्वेद में शारीरिक व्याधियों के लिए त्रिदोषों को प्रमुख कारक माना गया है। वात, पित्त और कफ के असंतुलन से त्रिदोष उत्पन्न होता है। ऋतुकाल के हिसाब से यदि आहार-विहार में परिवर्तन न किया जाए तो यह असंतुलन और अधिक बढ़ जाता है। मसलन शीतऋतु में पित्त दोष कम होता है लेकिन कफ दोष बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन आयुर्वेद के कुछ कारगर उपायों को अपनाकर सर्दियों में अपने स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है। आइए ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में संक्षेप में जानते हैं।
सर्दी-ज़ुकाम - ठंढ के मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है। यदि गले में खराश और सर्दी ज़ुकाम आदि जैसी समस्या आपको हो जाए तो तत्काल 1 छोटा चम्मच अदरक में थोड़ा-सा शहद और काली मिर्च पाउडर मिलाकर मिश्रण तैयार करें। फिर इस मिश्रण को आधा सुबह और आधा रात में सोते समय खाएं। इससे राहत मिलेगी।
एसिडिटी और कब्ज़ - सर्दियों में अग्नि तेज रहती है और कई बार ज्यादा खाने - पीने की वजह से एसिडिटी और कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है। ऐसी स्थिति में जब सीने में जलन या एसिडिटी की समस्या महसूस हो तो रात को सोते समय आधा कप ठंडे दूध में आधा कप पानी मिलाकर पीने से एसिडिटी की समस्या दूर होती है। दूसरी तरफ कब्ज़ की समस्या है तो खाने के 2-3 घंटे बाद लगभग 1 छोटा चम्मच ऐलोवेरा के गूदे को 1/2 कप गुनगुने पानी के साथ रात में सोते समय खाने से कब्ज़ दूर हो जाएगा। इसके अलावा सोते समय 1 छोटा चम्मच ईसाबगोल की भूसी को दही में मिलाकर खाने से भी पेट साफ़ होता है। लेकिन ध्यान रहे कि चिकित्सकीय परामर्श के बिना लंबे समय तक इसका सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है। गर्भवती स्त्रियों को इसका प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए इससे गर्भस्राव हो सकता है।
जोड़ों का दर्द - सर्दियों में कई लोगों को खासकर बुजुर्गों को घुटने, पीठ या हाथ में दर्द बना रहता है। इसके लिए तिल के तेल में लहसुन की कलियां,अदरक, अजवाइन डालकर पकाएं और फिर उसे प्रभावित हिस्सों पर लगाएं। दर्द में आराम मिलेगा। (मूलतः दैनिक भास्कर में प्रकाशित)
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