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CORONAVIRUS : कोरोनावायरस से बचाव में आयुर्वेद कारगर

By Dr Abhishek Gupta | NIrog Tips | Posted on :   29-Jan-2020

आयुर्वेद की मदद से कोरोनावायरस से बचाव (संयुक्त राष्ट्र संघ की वेबसाईट से चित्र साभार)

Ayurveda Effective In Protecting Against Coronavirus In Hindi : खतरनाक कोरोनावायरस से बचाव के लिए आयुर्वेद अपनाएँ 

CORONAVIRUS कोरोनावायरस संक्रमण (MERS-CoV) से बन रही है जनपदोध्वंस की स्थिति (Coronavirus infection (MERS-CoV) is causing severe conditions)

वर्तमान समयमें कोरोनावायरस बेहद तेजी से फ़ैल रहा है। भारत में भी इसके कुछ रोगी चिन्हित किये गए हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय इसे लेकर एहतियातन सभी कदम उठा रहा है।वैसे पहली बार सऊदी अरब में इसके रोगी वर्ष 2012 में पाए गए थे। लेकिन वर्तमान समय में चीन के कुछ शहरों में इसके 1000 से भी अधिक रोगी पाए गए हैं। चीन में नॉवल कोरोनावायरस का पहला मामला 'वूहान' शहर में सामने आया था। चीन के अलावा थाईलैंड, कोरिया, जापान, ताइवान और अमेरिका में इसके मामले सामने आए हैं। इसबार इसका स्वरुप पहले से ज्यादा खतरनाक है और हालात जल्द काबू में न आये तो जनपदोध्वंसकी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 

कोरोनावायरस संक्रमण के मुख्य कारण : (Main Causes of Coronavirus Infection)

यह संक्रमणकुत्तों को होने वाला बेहद कॉमन व सबसे अधिक होने वाला संक्रामक है जो मुख्य रूपसे उनके आंतों के मार्ग पर हमला करता है। यह बीमारी कुत्ते से कुत्ते में मल केसंपर्क में आने से फैलती है। इस संक्रमणके अधिकांश मामले संक्रमित पदार्थों के मौखिक संपर्क में आने के कारण होते हैं, यह उन व्यक्तियों में अधिक होताहै जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बेहद कम रहती है। इस रोग काइन्क्यूबेशन पीरियड लगभग 4 दिन का होता है।

कोरोनावायरस संक्रमण मुख्य लक्षण (Coronavirus Infection  Symptoms​)

अधिकांशकोरोनावायरस के लक्षणों में श्वसन सम्बन्धी संक्रमण या परेशानी होती है इसमें बहतीनाक, खांसी, गले में खराश और कभी-कभी बुखारआदि भी होता है। ज्यादातर मामलों में यह पता लगाना कठिन होता है कि व्यक्ति कोकोरोनोवायरस है या कोई अलग सर्दी पैदा करने वाला वायरस, जैसे कि राइनोवायरस आदि। इसलिएइस तरह के लक्षणों को बेहद गंभीरता से लेना आवश्यक है। कोरोनावायरसके संपर्क में आने के बाद व्यक्ति को बचाना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि इसमेंगंभीर इन्फेक्शन फ़ैल जाता है, इसलिए बेहतर होता है कि पहले से ही किसी भी तरह केखुले या दूषित आहार के सेवन से बचना चाहिए व इससे घर के पालतू या बाहर में कुत्तोंके संपर्क में आने के बाद सही ढंग से स्वयं को स्वच्छ रखें, हालांकि भारत में यह बीमारीआरम्भिक स्थिति में है इसलिए बेहद अधिक डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन प्राथमिक सावधानी व बचावबेहद आवश्यक रहता है।  

कोरोनावायरस संक्रमण की जाँच के लिए किये जाने वाले टेस्ट  : (Tests To Check For Coronavirus Infection​)

इस रोग की पुष्टि के लिए दो तरह के टेस्ट किये जातेहैं:

1) मॉलिक्यूलरटेस्ट रीयल-टाइमरिवर्स-ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आर.आर.टी.-पी.सी.आर/RRT-PCR) एक आणविक परीक्षण हैं जिसका उपयोग नैदानिक नमूनों में वायरल आरएनए का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।

2) सीरोलॉजीटेस्ट एलिसा याएंजाइम-लिंक्ड इम्युनोसोर्बेंट - यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जिसका उपयोग विशिष्टएंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। यदि कोईसैंपल पॉजिटिव पाया जाता है, तो सकारात्मक परिणाम की पुष्टि करने के लिएमाइक्रोन्यूट्रलाइजेशन टेस्ट का उपयोग किया जाता है।माइक्रोन्यूट्रलाइज़ेशन जाँच एक विशिष्ट परीक्षण है जिसका उपयोग एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। इस विधि को सीरम नमूनों में विशिष्ट एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। हालांकि एलिसा की तुलना में माइक्रोन्यूट्रलाइज़ेशन जाँच के रिजल्ट उपलब्ध होने में कम से कम 5 दिन की आवश्यकता होती है।

कोरोनावायरस से बचाव के उपाय : (Coronavirus Prevention Measures)​

★ अपने हाथों को साबुन व स्वच्छपानी से धोयें या हर्बल औषधियों या अल्कोहल बेस्ड हैंड सेनेटाइज़र का प्रयोग करें!

★ खांसी या छींक के दौरान नाक वमुंह को सही से कपडे से हाथ से कवर करें।  

★ जिस किसी व्यक्ति को सर्दी याखांसी हुई हो ऐसे व्यक्ति के क्लोज कांटेक्ट में न आयें।

★ मांस या अंडे से बानी चीज़ों कोसही ढंग से पकाकर ही खायें।  

★ किसी भी तरह के खुले / फार्म याजंगली जानवरों के संपर्क से दूर रहें।

आयुर्वेद की रसायनऔषधियां कोरोनावायरस में कारगर ( Ayurvedic medicines effective in Coronavirus​)

जिन व्यक्तियों की इम्युनिटी (व्याधि क्षमत्व / बीमारियों से लड़ने की क्षमता) अच्छी रहती हैं, उनको सामान्यतः किसी भी प्रकार के संक्रमण से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता।आयुर्वेद में ऐसी सैकड़ों औषधियां हैं जिनके प्रयोग से आप अपनी इम्युनिटी बेहतर कर सकते हैं।आयुर्वेद में ऐसे औषध योगों को रसायन औषधियों के नाम से जाना जाता है। आमला, गिलोय, च्यवनप्राश आदि जैसे औषध योग इसमें लाभकारी होते हैं। इसके अतरिक्त विभिन्न रसायन औषधियों का प्रयोग सिर्फ आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिए।  

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Co-Founder - Nirog Street, Consultant Physician and Surgeon Ex Advisor - Apollo Pharmacy, Editor- Brahm Ayurved Magazine

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।