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ClinicsBy NS Desk | Herbs and Fruits | Posted on : 04-Mar-2021
अजवायन अपेचैयी या अंबेलीफरेई परिवार का पौधा है। इस पौधे के फलों को बीज के रूप में जाना जाता है और ये आकार में अंडाकार और रंग में काले-भूरे रंग के होते हैं। अजवायन का उपयोग भोजन पकाने तथा औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। अफ्रीका, भारत और मध्य एशिया के लोग इसका उपयोग भोजन पकाने एवं चिकित्सकीय उपचार में करते हैं। आपको यह अधिकांश घरों के किसी कोने में बोतल या पैकेट में रखी आसानी से दिखाई पड़ सकती है। तो आइये जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार अजवाइन खाने के फायदे और नुकसान के बारे में|
अजवायन अफारे की समस्या का खास घरेलू उपचार है जो भारतीय खाना खाने के बाद अक्सर कुछ लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। अजवायन किसी व्यक्ति के रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए भी जानी जाती है। इन सभी स्वास्थ्य लाभों के साथ-साथ यह फेफडों में वायु के प्रवाह में वृद्धि का कारण भी बनती है जिससे व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य पर लाभप्रद प्रभाव पड़ता है।
कुछ लोग कब्ज की समस्या से निजात पाने के लिए भी अजवायन का सेवन करते हैं, क्योंकि यह अपने विरेचक गुणों के कारण पाचन क्रिया को सरल बनाती है और तनाव से मुक्ति दिलाती है। अपच की समस्या के निदान हेतु अजवायन का चूर्ण बहुत ही बढ़िया माना जात है और इसी कारण बहुत से लोग पेट से संबंधित गड़बड़ी को ठीक करने के लिए इसका सेवन करते हैं।
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प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक इस पौधे का निकास इरान तथा टर्की से माना जाता है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे भारत सहित पूरी दुनिया के देशों को निर्यात किया गया और यह समस्त विश्व में फैल गया। लोगों ने इसकी उपयोगिता को समझा और इसे भोजन पकाने में ही नहीं बल्कि चिकित्सकीय उपचार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। आज अजवायन को भारत के नदी तटीय इलाकों में तथा मध्य पूर्व एवं अफ्रीका में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है।
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इस पौधे के इतिहास से ज्ञात होता है कि इसके उपयोग से लोगों के अनेक प्रकार के रोगों का उपचार किया जाता रहा है। अपच तथा एसिडिटी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे अधिकांश लोग परेशान रहते हैं और इन परेशानियों से छुटकारा पाने में अजवायन कारगर सिद्ध होती है। अजवायन में ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं जो पाचन प्रणाली को सरल बनाने में मदद करते हैं । अजवायन वास्तव में पाचन के लिए बहुत अधिक असरदार होती है और जठरीय सार या रसों के स्राव में मदद करके पाचन को सरल बनाने में सहायता कर सकती है।
अजवायन श्वसन से जुड़ी समस्याओं,जैसे ब्रोंकाइटिस व अस्थमा आदि के उपचार में भी मदद करती है। अगल आप खांसी-जुकाम की समस्या से परेशान हैं तो आप अजवायन को अन्य औषधियों के विकल्प के तौर पर ले सकते हैं। अजवायन आपके बंद नाक खोलने में मदद कर सकती है और आप सांस लेने की दिक्कत से छुटकारा पा सकते हैं। यदि आपकी त्वचा कट-फट जाए या फिर हल्की-सी चोट लग जाए तो घबराइऐ नहीं,क्योंकि अजवायन ईसका आसानी से उपचार कर सकती है। आप इस पर अजवायन का पेस्ट बना कर लगाइए तुरंत आराम मिल जाएगा।
ऐसा देखने में आता है कि कई स्वास्थ्य समस्याओं में तो अजवायन का उपचारात्मक प्रभाव अविलंब देखने को मिल जाता है मगर कुछ अन्य में इसका प्रभाव कुछ देरी से दिखता है और इसके सेवन का रूप भी बदल जाता है। लेकिन फिर भी चाहे इसका उपयोग किसी भी प्रकार से किया जाए यह अनेक स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में मदद करती है। आप इसका उपयोग मच्छर प्रतिरोधी या मच्छर भगाने के लिए भी कर सकते हैं। यह भी इसका एक महत्वपूर्ण उपयोग है।
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● निम्न रक्तचाप
आयुर्वेदिक मत- अजवायन के बीज रक्तचाप को कम करने में मदद जरूर करते हैं मगर ये बाजार में उपलब्ध अन्य विकल्पों के समान बहुत अधिक असरकारक नहीं होते है।
● पेट से संबंधित समस्याओं से राहत
आयुर्वेदिक मत- अजवायन अपच तथा पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं के उपचार में अति शीघ्र आराम देती है।
खांसी और जुकाम का उपचार
आयुर्वेदिक मत- अजवायन साइनस स्ट्रेस से राहत पाने तथा जुकाम से लड़ने में शरीर को काफी मदद पहुंचाती है। अतः जब कभी आपको जुकाम की परेशानी हो तब नियमित रूप से अजवायन का सेवन करें शीघ्र आराम मिलेगा।
●चोट-खरोंच,दाग-धब्बों या कटे-फटे का उपचार
आयुर्वेदिक मत- अजवायन घाव को ठीक करने में काफ़ी मददगार साबित होती है। आप इसका पेस्ट बनाकर घाव पर लगा सकते हैं और फिर जल्द ही आराम भी पा सकते हैं। आप चोट लगने पर अपने घाव को अविलंब अजवायन के पानी से धो सकते हैं। इससे काफी राहत प्राप्त होगी।
● क्या सफेद बालों के उपचार में मदद कर सकती है?
आयुर्वेदिक मत- अजवायन बालों को काला करने तथा उनको सफेद होने से रोकने में मदद कर सकती है। इसके लिए आपको करी पत्तियां, रेज़िन, चीनी तथा एक चम्मच अजवायन को पानी में कुछ मिनटों तक उबाल कर पीना चाहिए। यदि आप अच्छे परिणाम पाना चाहें तो आपको महीने एक बार इसे अवश्य पीना चाहिए।
● आर्थ्राइटिस के दर्द का उपचार
आयुर्वेदिक मत- यदि किसी व्यक्ति को आर्थ्राइटिस का दर्द हो तो उसे अजवायन देने से शीघ्र ही दर्द से राहत मिल जाएगी।
● वज़न कम करना
आयुर्वेदिक मत- मोटापा मुख्यतः शरीर में वसा ऊतकों के जमाव का नतीजा होता है। अजवायन व्यक्ति के उपापचय में सुधार लाती है और इस प्रकार प्रत्यक्ष रूप से वज़न को प्रभावित करती है। उपापचय के ठीक होने से वज़न कम होता है।
● दांतों के स्वास्थ्य में सुधार
आयुर्वेदिक मत- अजवायन पूर्णतः प्राकृतिक होती है तथा इसमें अनेक उपचारात्मक गुण मौजूद पाए जाते हैं जो आपके दांतों को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं।
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अजवायन को विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है और यह मनुष्य के लिए कई प्रकार से लाभप्रद होती है।लेकिन केवल यह जान लेना ही पर्याप्त नहीं है कि अजवायन से क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं, बल्कि यह ज्ञान भी अनिवार्य है कि बेहतर परिणाम पाने के लिए इसका किस तरह से उपभोग या उपयोग किया जाए। अनेक लोग इसके उचित उपभोग के तरीकों के विषय में अनभिज्ञ होने की वजह से इससे पूरा लाभ पाने से वंचित रह जाते हैं। बेहतर परिणाम पाने के लिए इसकी उचित मात्रा का उचित विधि से उपभोग करना जरूरी होता है। आप अजवायन की मात्रा का निम्न निर्देशानुसार उपभोग कर सकते हैं-
● अजवायन की पत्तियां- आप त्वचा से संबंधित संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए अजवायन की पत्तियों का उपभोग कर सकते हैं। आप अजवायन की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे शहद में मिला लें और इस पेस्ट को त्वचा के प्रभावित भाग पर लगा लें और आपको बहुत शीघ्र आराम मिलेगा।
● अजवायन का तेल- अजवायन का तेल इसका बहुत ही रुचिकर रूप माना जाता है और अनेक तरह के स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है। आप इसके दो या तीन बूंद तेल को नारियल के तेल में मिलाकर अपने सिरकी खाल पर इस्तेमाल करेंगे तो आपको सिर की रूसी के उपचार में मदद मिलेगी। रूसी से छुटकारा पाने के लिए आप इस उपाय को सप्ताह में तीन बार कर सकते हैं।
● अजवायन का पानी- अजवायन का पानी आपके मौखिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है और आप भले ही किसी समस्या से पीड़ित न हों तो भी इसका सेवन आपके लिए लाभ देने वाला होता है। एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच अजवायन के बीज भिगो दें। इन्हें एक पूरी रात भीगा रहने दें और अगले दिन इस पानी को पी लें। इससे आपकी संपूर्ण पाचन प्रणाली की सफाई हो जाएगी तथा डायरिया, अफारा, अपच आदि से बचाव होगा। पेट की समस्याओं के उपचार में अजवायन बहुत अधिक असरदार सिद्ध होती है।
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यह एक सामान्य-सा तथ्य है कि अजवायन प्रयोग भोजन को विशेष लज्जत या स्वाद देने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए भी उपयोग की जा सकती है। आइए जानें कि अजवायन का कौन-सा भाग औषधीय रूप में उपयोग किया जाता है। अनेक लोग अजवायन के बीजों तथा इसके फलों को लेकर असमंजस में पड़ जाते हैं। वास्तव में लोग जिन्हें अजवायन के बीज समझ कर प्रयोग करते हैं, वे इसके बीज न होकर इसके फल ही होते हैं।
इन बीजों का पेस्ट बनाकर या फिर प्रत्यक्ष रूप से औषधीय उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इस पौधे की पत्तियों को पानी में उबाल कर क्वाथ बनाकर सर्दी-खांसी के उपचार के लिए पी सकते हैं। इसके सेवन से तुरंत आराम मिलता है। पेट की समस्याओं, जैसे अफारा आदि से छुटकारा पाने के लिए इसके बीजों का गुनगुने पानी में सेवन किया जा सकता है।
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है और आप इसकी पत्तियों का सेवन करें या इसके बीजों का। बस इनका सही तरीके से सेवन करने पर आपको पूरा स्वस्थ लाभ मिल सकता है। सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए अजवायन महंगी दवाइयों का खास विकल्प हो सकती है तथा इसका लाभ सभी स्तर के लोग आसानी से उठा सकते हैं।
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अनेक ऐसे लोग हैं जो अजवायन की रासायनिक संरचना या संघटन को समझ पाने में खुद को असमर्थ पाते हैं और इसी वजह से इसके कारण एलर्जी संबंधी प्रतिक्रया का शिकार बन जाते हैं। अगर एलर्जी ग्रस्त लोगों के शरीर का कोई भाग इसके संपर्क में आता है तो उस प्रभावित भाग पर ददोरे या पित्तिका उभर आते हैं या फिर नाक बहने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कुछ मामलों में यह व्यक्ति के लिवर की क्षति तथा रेटिना की हानि का कारण बन सकती है। अतः अजवायन के सेवन से पूर्व इस बात पर विशेष ध्यान दें कि यदि आप एलर्जी की समस्या से ग्रस्त हों तो इसके सेवन से अवश्य बचें, क्योंकि इस स्थिति में इसका सेवन कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
इस बात में कोई संशय नहीं है कि अजवायन सेहत के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होती है मगर फिर भी कुछ सावधानियां रखना अनिवार्य है। यदि आप इन सावधानियों की उपेक्षा करते हैं तो गंभीर स्वास्थ्य-समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। अतः इसके सेवन या उपयोग से पूर्व निम्न कुछ सावधानियों का पालन अवश्य कीजिए-
● गर्भावस्था के दौरान- गर्भावस्था मां और उसके बच्चे के लिए बहुत अधिक नाजुक अवस्था होती है तथा इस दौरान किसी भी प्रकार का जोखिम लेना उचित नहीं कहा जा सकता। इस अवस्था में अजवायन का सेवन गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है और गर्भपात की स्थिति पैदा हो सकती है। अतः इस अवस्था में चिकित्सक से परामर्श लेकर ही अजवायन का सेवन करना चाहिए।
● एलर्जी से सबंधित प्रतिक्रिया- अजवायन का सेवन सबके लिए फायदेमंद नहीं होता है,क्योंकि इसके कारण शरीर में एलर्जिक प्रतिक्रया की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अतः इसका इस्तेमाल करने से पूर्व इसे शरीर के किसी भाग पर इस्तेमाल करके जांच कर लेनी चाहिए कि इसके कारण एलर्जिक प्रतिक्रया होती है या नहीं। एलर्जिक प्रतिक्रया के फलस्वरूप मतली, उलटी सिरदर्द आदि की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
● स्तनपान- ऐसे पर्याप्त वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं हैं कि स्तनपान के दौरान अजवायन के उपभोग से महिला या उसके बच्चे पर किसी तरह का कोई खास प्रभाव पड़ता है मगर फिर भी इसके सेवन से बचे रहने की सलाह दी जाती है।
● शल्यक्रिया के मामले में- शल्यक्रिया के पूर्व तथा इसके उपरांत अजवायन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह कई तरह की जटिलताओं का कारण बन सकती है। शल्यक्रिया के चौदह दिन पहले तथा बाद तक इसके सेवन को निषेध माना जाता है।
● त्वचा पर इस्तेमाल करते समय- अजवायन की प्रकृति उष्ण होती है और इसीलिए यह सलाह दी जाती है कि त्वचा पर इसका इस्तेमाल शहद में मिलाकर करना चाहिए।
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आयुर्वेदिक मत- अजवायन का तेल आपकी मांसपेशियों के लिए उत्तम होता है और खासतौर पर उनके आकुंचन या उनकी ऐंठन के इलाज में मदद करता है। इस तेल में अनेक एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद पाए जाते हैं जो आपकी त्वचा को नीरोग तथा स्वस्थ या सेहतमंद बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक मत- मोटापा का सामान्य समस्या है तथा आजकल अनेक लोग इससे छुटकारा पाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपभोग करते हैं मगर अजवायन शरीर का वजन कम करने का एक प्राकृतिक तरीका है। आप वजन कम करने के लिए अजवायन का नियमित सेवन कर सकते हैं।
इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर है-नहीं । गर्भावस्था के दौरान अजवायन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह कई तरह की जटिलताएं पैदा कर सकता है तथा गर्भपात का कारण बन सकता है। अगर फिर भी इसका सेवन करना जरूरी समझा जाता है तो इसके सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
हां, अजवायन अन्य महंगी औषधियों का अच्छा विकल्प है,क्योंकि यह आपकी अनेक स्वास्थ्य-समस्याओं के उपचार में काफी मददगार साबित हो सकती है। यह डायरिया, अफारा आदि का बहुत सरल उपचार है। आपको अजवायन के उपभोग का बहुत शीघ्र ही असर देखने को मिलता है। अगर आपको पेट की कोई दिक्कत न हो तो भी आप बेहतर पाचन प्रणाली के उद्देश्य से इसका सेवन कर सकते हैं। यह आपकी पाचन क्रिया को सरल बनाएगी तथा इसके कारण कोई परेशानी सामने नहीं आएगी।
अजवायन का उपयोग भोजन को पकाने तथा चिकित्सकीय उपचार के तौर पर इस्तेमाल होता है। अतः यह किराने की दुकान पर आसानी से मिल जाती है और यदि फिर भी आपको यह न मिले तो आप इसे ऑनलाइन आर्डर के माध्यम से अपने घर पर भी मंगवा सकते हैं।
यदि अजवायन को नमी वाली जगह पर भंडारित करके रखा जाता है तो यह ज्यादा असरदार या प्रभावशाली नहीं रहती है। अतः आपको इसको किसी ऐसे शुष्क व ठंडे स्थान पर सुरक्षित रखना या भंडारित करना चाहिए जहां सूर्य की ज्यादा रोशनी अथवा धूप न पड़ती हो। इसके डिब्बे के ढक्कन को भी मजबूती से बंद करना चाहिए, क्योंकि ऐसा न करने से लंबे समय तक रखे रहने पर ऑक्सीजन इसे खराब या विकृत कर सकती है।
अधिकांश मामलों में अजवायन के कारण किसी प्रकार की एलर्जिक प्रतिक्रया नहीं होती है मगर फिर भी इसके इस्तेमाल से पूर्व इसका त्वचा के किसी भाग पर इस्तेमाल करके इसकी एलर्जिक प्रतिक्रया की जांच कर लेनी चाहिए। एलर्जिक प्रतिक्रया के कारण पित्तिका या ददोरों, शोथ आदि की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह गंभीर रूप लेकर आपके लिवर की क्षति का कारण भी बन सकती है। अतः इसका उपभोग करने पूर्व आपको यह अवश्य जांच लेना चाहिए कि आपको इसके कारण एलर्जी तो नहीं होती है।
http://www.ayurveda.hu/api/API-Vol-1.pdf
https://www.researchgate.net/publication/262001210_An_Overview_on_Ajwain_Trachyspermum_ammi_Pharmacological_Effects_Modern_and_Traditional
http://www.mchemist.com/herborest/pdf/1%20ajwain.pdf
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3358968/
https://www.researchgate.net/publication/317041607_Health_benefits_of_Indian_aromatic_plant_Ajwain_Trachycpermum_ammi
https://www.ijcmr.com/uploads/7/7/4/6/77464738/ijcmr_957_oct_5.pdf
https://www.netmeds.com/health-library/post/ajwain-astonishing-benefits-of-carom-seeds-for-promoting-overall-well-being
https://food.ndtv.com/health/why-you-should-be-drinking-ajwain-water-every-day-6-hard-to-beat-reasons-1672276
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