Home Blogs Disease and Treatment टायफाइड के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार - Typhoid Ke Lakshan, Karan Aur Gharelu Upchar

टायफाइड के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार - Typhoid Ke Lakshan, Karan Aur Gharelu Upchar

By Dr. Bhawana Bhatt | Disease and Treatment | Posted on :   24-Feb-2021

टाइफाइड, एक प्रकार की संक्रामक बीमारी है जो साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया की वजह से होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से बरसात के दिनों में ज़्यादा देखने को मिलती है। भूख न लगना और तेज बुखार आना इस बीमारी के मुख्य लक्षण है। यह एक ऐसे बीमारी है जिससे विकासशील देशो जैसे भारत आदि में लगभग १० लाख लोग , उनमे भी बच्चे ज़्यादा पीड़ित होते है जबकि विकसित देशों में यह कम देखने को मिलता है।

आयुर्वेद में टाइफाइड - Typhoid in Ayurveda in Hindi

वैसे तो आयुर्वेद की अपनी व्याधियाँ है जो वातादि दोषों में असंतुलन की वजह से होती है।  फिर भी यदि मोटे मोटे तौर पर देखा जाये तो टाइफॉइड के लक्षण आयुर्वेद में वर्णित कफ प्रधान सन्निपातज संतत ज्वर के लक्षणों से समानता रखते है। यह संतत ज्वर दोषो के बल अबल के आधार पर सात , दस तथा बारह दिनों में या तो सही हो जाता है या फिर कभी कभी दोषो के अत्यधिक कुपित हो जाने रोगी की मृत्यु तक का कारण बन जाता है। इस ज्वर का मुख्य लक्षण यह होता है की यह दिन रात में दो बार आता है। 

टाइफाइड के लक्षण - Symptoms of Typhoid in Hindi

  • बुखार 
  • सर दर्द 
  • भूख न लगना 
  • शरीर में लाल रंग के चक्कत्ते हो जाना 
  • उल्टी तथा दस्त होना 
  • पेट में दर्द होना 
  • शरीर में कमजोरी और दर्द होना

टाइफाइड के कारण - Cause of Typhoid in Hindi

साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया का संक्रमण 
टाइफॉइड संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना 

टाइफाइड से बचाव - Prevention of Typhoid in Hindi

वैसे तो टाइफॉइड के लिए वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन कभी कभी वैक्सीन के बाद भी टाइफॉइड हो जाता है इसलिए साफ सफाई का ध्यान रख कर और कुछ छोटी छोटी बातो ध्यान रख कर टाइफॉइड से बचा जा सकते है। टाइफॉइड से बचाव हेतु निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए -

  • नियमित रूप अर्थात खाना खाने से पहले , टॉयलेट का प्रयोग करने के बाद हाथो को पानी तथा साबुन से धोये ; पानी या साबुन उपलब्ध न होने पर एल्कोहल युक्त सैनिटाइज़र का प्रयोग करे।  
  • पानी को उबालकर पिए। 
  • कच्चे फल तथा सब्जियों का सेवन न करे। 

टाइफाइड फीवर डायग्नोसिस - Typhoid Fever Diagnosis in Hindi

  • सी.बी. सी ( कम्पलीट ब्लड सेल काउंट ) 
  • विडाल टेस्ट 
  • स्टूल कल्चर 
  • टाइफी डॉट आई जी एम 

टाइफाइड से बचाव के लिए घरेलु उपचार - Home Remedies to Prevent Typhoid in Hindi

  • बुखार को कम करने के लिए सर पर ठन्डे पानी की पट्टियों का प्रयोग करे। 
  • पानी की कमी को दूर करने के लिए एक लीटर पानी को उबालकर उसमे नमक और चीनी मिलाकर पीते रहे। 
  • तुलसी (जिसमे की एंटीबायोटिक गुण पाए जाते है ) को पानी में उबालकर उसका काढ़ा प्रयोग करे।
  • षडङ्गपानी अर्थात मोथा , पित्तपापड़ा , खस , रक्त चन्दन , सुगंदबाला और सौंठ से सिद्ध किया हुआ पानी पिए। 

क्या करे? - What to Do in Hindi

  • पानी को उबालकर प्रयोग करे। 
  • ताज़ा तथा गर्म भोजन का सेवन करे।   
  • पचने में हलके भोजन का सेवन करे जैसे पतली दाल , पतली सब्जी , खिचड़ी आदि। 

क्या न करे? - What Not to Do in Hindi

  • पचने में भारी चीजों जैसे दूध , पनीर  आदि का सेवन न करे। 
  • अल्कोहल का सेवन न करे। 
  • दही का सेवन न करे। 
  • खुले में मिलने वाले भोज्य पदार्थो जैसे खुले में मिलने वाले समोसे , कचौड़ी , चाट आदि का सेवन न करे। 

प्रश्न उत्तर - Question & Answer in Hindi

प्रश्न- टाइफॉइड होने पर तुरंत हो लैब इन्वेस्टीगेशन करा लेनी चाहिए ? 
उत्तर-
वैसे तो चिकित्सक लक्षण देख कर ही लैब इन्वेस्टीगेशन कराता है फिर भी यदि आप खुद से बिना चिकित्सक को दिखाए टाइफॉइड का अंदेशा होने पर खुद से लैब इन्वेस्टीगेशन कराना चाहे तो तुरंत न करा कर के कुछ दिन व्यतीत हो जाने पर करानी चाहिए क्योकि इसका इन्क्यूबेशन पीरियड् तीन दिन से लेकर १०- १४ दिन का होता है यदि तुरंत ही लैब इन्वेस्टीगेशन करा ली जाये तो रिपोर्ट सटीक नहीं आ पाती है। 

प्रश्न- टाइफॉइड मुख्य रूप से किन लोगो को होने की सम्भावना होती है ? 
उत्तर-
टाइफॉइड वैसे तो किसी को भी सकता है लेकिन बच्चों और ऐसे लोग जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है उनको टाइफॉइड होने की ज्यादा  सम्भावना होती है। 

प्रश्न- टाइफॉइड या अन्य कोई व्याधि होने पर खुद से ही आयुर्वेदिक  दवा ले लेना कितना सही है? 
उत्तर-
आधुनिक डायग्नोसिस के आधार पर तथा बिना ये जाने की रोगी व्यक्ति के शरीर में कौन से दोष का असंतुलन हुआ है , चिकित्सा करने पर या रोगी द्वारा खुद ही सोशल मीडिया में देख कर किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करना बिल्कुल भी सही नहीं है  खुद से दवा लेने के कई दुष्परिणाम हो सकते है इसलिए  टाइफॉइड हो या अन्य कोई व्याधि शरीर में व्याधि के लक्षण दिखाई देने पर किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर ही आयुर्वेदिक दवाई का सेवन करे।

प्रश्न- यदि टाइफॉइड के लिए उपचार न लिया जाये तो क्या क्या कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते है ? 
उत्तर-
टाइफॉइड होने पर इलाज न करने या देरी से इलाज करने पर मुख्य रूप से जो कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते है वो है - 

  • पाचन तंत्र के किसी भाग से आंतरिक रक्तस्राव होना। 
  • पाचन तंत्र के किसी हिस्से में परफोरेशन हो जाना तथा परफोरेशन की वजह से इन्फेक्शन का आस पास के हिस्सों में भी फ़ैल जाना। 

प्रश्न- आयुर्वेद में टाइफॉइड के लिए क्या उपचार उपलब्ध है ? 
उत्तर-
टाइफॉइड के लक्षण आयुर्वेद में वर्णित सन्निपातज प्रधान  कफज संतत ज्वर से मिलते है तथा इसकी चिकित्सा में दोष , दुष्य , काल , प्रकृति आदि को देखते हुए अपतर्पण अर्थात लंघन चिकित्सा कराने का वर्णन मिलता है।

डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।