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फ्रोजन शोल्डर के लक्षण, कारण और उपाय

By NS Desk | Disease and Treatment | Posted on :   12-Sep-2020

अपबाहुक (Frozen Shoulder) / कंधे की अकड़न
लगभग 40-45 वर्ष के ऊपर महिलाओं में जो समस्याएं सामान्य है ,उनमें से एक Frozen Shoulder है. आयुर्वेद में इसे अपबाहुक कहते हैं जिसका मतलब होता है बाहू ऊपर उठाने में असमर्थ होना। इसमें रोगी अपने हाथों को कंधे से ऊपर नही उठा पाता है। कंधे की हड्डियों को स्नायुबंधन(ligaments) द्वारा जगह में रखा जाता है जो एक कैप्सूल द्वारा कवर किया जाता है। लिगामेंट ऊतकों और कंधे की हड्डी वाले कैप्सूल की सूजन को फ्रोजन शोल्डर का मुख्य कारण माना जाता है। एक फूलाया हुआ लिगामेंट और अधिक मोटा हो जाता है और कंधे को हिलाने के लिए कठोर हो जाता है।

लक्षण (कैसे पहचाने)
इसका प्रधान लक्षण सुबह बिस्तर से उठने पर एक कन्धे से रोगी हाथो को उपर उठाने में असमर्थ होता है।
उस स्थान पर जकड़ाहत होजाती है।
हाथो को उठाने की कोशिश करने पर कंधे पर सुई चुअने जैसी पीड़ा होती है।
कंधे से लेकर हाथो के पंजे तक झुनझुनाहट और सुप्तता होती है।

कारण
चोट लगना
एक कंधे पर भार देकर बैठना या सोना
Surgery के उपद्रव के स्वरूप में 
मधुमेह, 
हाइपोथायरायडिज्म, 
हाइपरथायरायडिज्म, 
पार्किसंस रोग और 
इदय रोग जैसी स्थितियां

डॉक्टर को दिखाने का समय
सुबह उठने के बाद दर्द बहुत अधिक होगया हो
ठीक तरह से हाथो को हिला न पा रहे हो, झुनझुनी बढ़ गयी हो।

कौन-कौनसी जांच करवाना जरूरी
X-ray- Cevical spine का X-ray करवाना जरूरी है ,इससे यह पता लगेगा कि उस स्थान पर कोई विकृति तो नही हुई है।
रक्त जांच- रक्त कमी ,या अन्य कोई इंफेक्शन का पता लगाने के लिए।
Blood Sugar
Bone Mass Density- अस्थियों की गुणवता जांचने के लिए
RA factor
Serum Uric Acid
बचने के उपाय
सही तरीके नियमित व्यायाम करें
सोने का तरीका ठीक रखे।
कोई चोट लगी हो तो तुरंत अच्छे से उसका उवचार करवाये।

घरेलू उपचार
दर्द के स्थान पर सेक करे ।
100 gm लाल मिर्ची को 500 ml सरसो के तैल मैं पकाये। जब मिर्ची काली होजाये तो तैल को छान लें
इस तैल की हल्के हाथों से मालिश से दर्द में आराम होगा।
एक मध्यम आकार का प्याज ,एक पूरी गांठ लहसुन की छील कर मिक्सी में पीस ले। इसमे 200 ग्राम
तिल तैल मिलाकर गर्म करें। प्याज और लहसून के काले होजाने पर इसतैल को छनकर रखले। इसकी हल्के हाथों की मालिश से आराम होगा। ध्यान रहे , मालिश जोर से नही करनी है , इससे कमजोर स्नाय टूट सकती है। इसलिए हल्के हाथ से मालिश करे।
सावधान, अगर इन सब का प्रयोग करने पर भी कुछ दिनों में आराम न मिलता हो तो तुरंत वैद्य या डॉक्टर की सलाह ले।

आहार
यह खाएं - लहसुन, कुल्थी,अदरक ,गेहूं की रोटी, टूध, घी, हलवा,मूंग की दाल ,लौकी ,बैंगन, तोरई, कददु,सूप।
यह न खाएं -सलाद, ठन्डी चीजे,आइसक्रीम,ठंड पेय,केक,फ़ास्ट फुड दही ,चावल,घी,तैलीय पदार्थ जैसी चीजें न ले। सब्जियों में अरबी,भिंडी आलू,टमाटर न खाए।
विहार
शरीर को गर्म रखे।
तैलिय पदार्थ, बड़ी तकिये का उपयोग गलत पॉस्चर में गर्दन करके TV देखना यह सब Avoid करे।
Cervical collar का इस्तेमाल करें।
सोते समय सही तकिये का इस्तेमाल व ठीक position में सोए

NS Desk

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।