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ClinicsBy Ram N Kumar | Disease and Treatment | Posted on : 22-Feb-2022
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से हड्डी के कैंसर का प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है।
आधुनिकीकरण ने तकनीक के माध्यम से हमारे जीवन को अधिक बेहतर और सुविधाजनक बनाया है। लेकिन इसके अत्यधिक प्रयोग ने हमें अस्वस्थ्य जीवनशैली की ओर भी धकेल दिया है जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश लोग किसी-न-किसी बीमारी से ग्रस्त हैं।
कैंसर की बीमारी भी उनमें से एक है जिसके मामले पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं और पूरी दुनिया में इसकी वजह से मरने वाले लोगों की संख्या में तेज इजाफा हुआ है। कैंसर के कई प्रकार हैं जिनमें से एक हड्डी का कैंसर होता है जो काफी तकलीफदेह होता है और रोगी को शारीरिक तकलीफ देने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी तोड़ देता है।
आधुनिक चिकित्सा पद्धति में हड्डी के कैंसर का कोई प्रमाणिक इलाज नहीं है। लेकिन आयुर्वेद के प्राचीन चिकित्सा शास्त्र में ऐसे औषधीय गुण वाले 'जड़ी-बूटियों' और 'पंचकर्म' का वर्णन मिलता है जिसके माध्यम से कैंसर रोगियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करके जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश की जा सकती है।
पंचकर्म शरीर के विषाक्त पदार्थों और दोषों को बाहर निकाल कर शरीर को शक्ति प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। दूसरी तरफ हल्दी, चित्रक, अश्वगंधा, लहसुन, आंवला जैसे चमत्कारिक औषधीय गुण वाली जड़ी-बूटियाँ हड्डी के कैंसर में दर्द को कम करती है।
जड़ी-बूटियाँ जो हड्डी के कैंसर में दर्द को कम करती है:
1. हल्दी (करकुमा लोंगा) भारत का एक प्रसिद्ध मसाला है और आयुर्वेद में दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीकैंसर गुण होते हैं जिसकी वजह से यह करक्यूमिन कैंसर के विकास को रोकने, कैंसर कोशिकाओं को मारने और उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने में भूमिका निभा सकता है।
2. चित्रक में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जिनमें विभिन्न कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ कैंसर विरोधी गतिविधि होती है। चित्रक को रसायन माना जाता है जो इम्यूनोमॉड्यूलेटरी है और सेलुलर स्तर पर काम करता है जो हड्डी में कैंसर के दर्द को रोकने में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और शरीर को मुक्त कणों से बचाने में मदद करता है।
3. अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा) शरीर के सूजन को कम करता है। साथ ही यह कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में भी मदद करता है।
4. लहसुन (एलियम सैटिवम) एक औषधीय पौधा और एक मसाला है जो कच्चा होने पर काफी तीखा होता है। लहसुन में सेल कल्चर में सीधे तौर पर एंटीकैंसर गुण होते हैं।
5. आंवला कैंसर के उपचार और रोकथाम में उपयोगी है। कई प्रीक्लिनिकल अध्ययनों से पता चला है कि आंवला में विभिन्न गुण होते हैं जो कैंसर की रोक में सहायक होते हैं। यह प्रतिरक्षा बढ़ाने और पुनरावृत्ति में देरी करने में भी मदद करता है।
आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श से सही तरीके और सही समय इन जड़ी-बूटियों के सेवन से हड्डी के कैंसर रोगी को फायदा मिलता है।
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CEO, NirogStreet & Ayurveda Expert
He is a proactive evangelist of Ayurveda whose aim is to make Ayurveda the first call of treatment