AYURVEDA
MedicineDOCTOR
e-ConsultAYURVEDA
ClinicsBy NS Desk | Disease and Treatment | Posted on : 15-Oct-2020
आजकल छात्रों को काफी कम उम्र में ही चिंता करते हुए देखा जा सकता है, जिससे छात्रों की सोचने की क्षमता में बाधा उत्पन्न होती है। यदि बच्चा बहुत अधिक दबाव में है, तो वह अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाता।
कोरोनावायरस महामारी के बीच छात्र ने विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में बैठना शुरू कर दिया है, उन्हें ऐसी स्थितियों से निपटने के दौरान शांत रहने की जरूरत है।
छात्रों को अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ परीक्षाओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
जीवा आयुर्वेदा के निदेशक प्रताप चौहान ने कहा, "छात्रों को अपने परिवार और दोस्तों से अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है, जो इन दिनों के दौरान प्रवेश परीक्षा के साथ-साथ अन्य परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं। कोरोनावायरस से पहले छात्रों को केवल अपनी पढ़ाई पर फोकस करना होता था, लेकिन अब इस वक्त उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ सुरक्षित रहने की भी जरूरत है। आयुर्वेद ऐसे समय में तनाव को दूर रखने और मानसिक स्वास्थ्य को कम करने में मदद कर सकता है।"
आयुर्वेद कुछ तरीकों का सुझाव देता है, जिससे परीक्षा के कारण छात्रों में होने वाले तनाव को मैनेज करने में मदद करता है।
इस दौरान छात्रों को दूध, बादाम, किशमिश, पनीर, हरी सब्जियां और मौसमी फल जैसे भोजन का सेवन बढ़ा देना चाहिए, क्योंकि ये पाचन तंत्र को मजबूत रखने में मदद करते हैं, वहीं इस दौरान छात्रों को जंक फूड का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए, क्योंकि यह पाचन तंत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।
अश्वगंधा जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है, जो स्वाभाविक रूप से चिंता को कम करने में मदद करती है।
छात्रों के लिए घर पर एक सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए, लैवेंडर और नींबू जैसी सुगंधित तेलों/अगरबत्ती को घर में जलाए, जिससे मन को शांति मिले।
Are you an Ayurveda doctor? Download our App from Google PlayStore now!
Download NirogStreet App for Ayurveda Doctors. Discuss cases with other doctors, share insights and experiences, read research papers and case studies. Get Free Consultation 9625991603 | 9625991607 | 8595299366