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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 24-Jan-2021
पांडा एम्स में विगत तीन वर्षो से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। फिलहाल वह प्रतिनियुक्ति पर हैं। रविवार को एम्स में कोवैक्सीन का टीका लगवाने वाले वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पहले अधिकारी हैं। वह हिमाचल प्रदेश कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं।
खबरों के मुताबिक, लैंसेट ने शुक्रवार को अपने एक अध्ययन में कहा था कि टीकाकरण के पहले चरण में कोवैक्सीन के परिणामस्वरूप सहनशीन सुरक्षा परिणाम सामने आए और इसने प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को भी बढ़ाया।
लैंसेट की इस स्टडी पर पांडा ने आईएएनएस को बताया कि भारत ने एक सुरक्षित वैक्सीन तैयार किया है। कोवैक्सीन पर लैंसेट की स्टडी के परिप्रेक्ष्य में डेटा, आंकड़े और सत्यापन प्रक्रिया को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
उन्होंने लोगों से टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि अब उन्हें टीकाकरण अभियान से जुड़ी आशंकाओं पर विराम लगाना चाहिए।
गौरतलब है कि टीकाकरण के पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई थी। हालांकि 16 जनवरी को शुरू हुए टीकाकरण अभियान के समय से अब तक 10 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, लेकिन कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर चिंताएं अभी भी पूरी तरह से दूर नहीं हुई हैं।
सरकार को वैक्सीन को लेकर कई भ्रामक खबरों जैसी चुनौतियों से भी मुकाबला करना पड़ रहा है। इन भ्रामक खबरों के कारण लोगों के मन में वैक्सीन लगवाने को लेकर भ्रांतियां भी पैदा हो रही हैं। सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बाद भी लोगों को पूरी तरह आश्वस्त करना दुष्कर हो रहा है।
पांडा ने कहा कि टीका लगवाने को लेकर लोगों के मन में झिझक होना कोई नई बात नहीं है। जब हमने पोलियों के लिए खुराक पिलाने का अभियान चलाया था तो उस समय भी ऐसी ही स्थिति थी, लेकिन धीरे-धीरे यह समाप्त हो गया। मैंने भी आज कोविड का टीका लगवाया और मैं पूरी तरह से फिट हूं। उन्होंने कोविड वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वैक्सीन लगवाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को स्वेच्छा से आगे आना चाहिए।
--आईएएनएस
एसआरएम/एसजीके
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