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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 04-Aug-2021
लंदन, 4 अगस्त (आईएएनएस)। वैक्सीन की दो खुराक लेने वाले लोगों में कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने की संभावना गैर-टीकाकृत लोगों की तुलना में तीन गुना कम है। एक नए शोध में यह दावा किया गया है।
इम्पीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किया गया अध्ययन लगभग 98,233 लोगों द्वारा स्वयं घर पर लिए गए स्वाब परीक्षणों पर आधारित है और उनके नमूनों का 24 जून से 12 जुलाई के बीच पीसीआर परीक्षण द्वारा विश्लेषण किया गया है।
इनमें से 527 का परीक्षण पॉजिटिव पाया गया और इनमें से 254 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था तथा उनकी उत्पत्ति का निर्धारण करने के लिए प्रयोगशाला में विश्लेषण किया गया था, जिनमें से 100 प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट था।
जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ था, उनमें कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक प्राप्त करने वालों की तुलना में संक्रमण का तीन गुना अधिक प्रसार देखने को मिला, जो 0.4 प्रतिशत की तुलना में 1.21 प्रतिशत रहा।
इसके अलावा, पीसीआर परीक्षण के परिणामों के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों में अन्य लोगों को वायरस पहुंचाने करने की संभावना कम हो सकती है। यह औसतन एक छोटा वायरल लोड होने के कारण है और इसलिए, कम वायरस फैलने की संभावना है।
इप्सोस मोरी के साथ साझेदारी में किया गया अध्ययन एक प्री-प्रिंट रिपोर्ट में उपलब्ध है और इसे पीर-रिव्यू के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
इंपीरियल कॉलेज लंदन में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पॉल इलियट ने कहा, ये निष्कर्ष हमारे पिछले आंकड़ों की पुष्टि करते हैं कि एक कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक संक्रमित होने के प्रति अच्छी सुरक्षा प्रदान करती हैं। हालांकि, हम यह भी देख सकते हैं कि अभी भी संक्रमण का खतरा है क्योंकि कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं है और हम जानते हैं कि कुछ डबल टीकाकरण वाले लोग अभी भी वायरस से बीमार पड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा, इसलिए प्रतिबंधों में ढील के साथ भी, हमें अभी भी एक दूसरे की सुरक्षा और संक्रमण की दर को कम करने में मदद करने के लिए सावधानी से काम करना चाहिए।
अध्ययन से पता चला है कि सबसे अधिक संक्रमण का प्रसार 13-24 वर्ष की आयु के युवाओं में 1.56 प्रतिशत या 65 संक्रमितों में से महज एक ही पाया गया, जबकि सबसे कम 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में केवल 0.17 प्रतिशत संक्रमण का प्रसार देखा गया। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पॉजिटिव होने का जोखिम कम देखने को मिला। यह 0.55 प्रतिशत बनाम 0.71 प्रतिशत रहा।
पिछले अध्ययन के आंकड़ों से पता चला है कि संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने और मौतों के बीच की कड़ी फरवरी से कमजोर हो रही है।
हालांकि, अप्रैल के मध्य से संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने के रुझान फिर से एक साथ बढ़ रहे हैं। हालांकि इस दौरान पहले के मुकाबले मौत का आंकड़ा कम ही रहा। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अल्फा से डेल्टा में स्विच और अस्पताल में भर्ती मामलों के बदलते मिश्रण (युवा और बिना टीकाकरण वाले लोगों की ओर) को दर्शा रहा हो सकता है।
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