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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 13-Jul-2021
कंपनियों का इरादा भारत में प्रति वर्ष वैक्सीन की 30 करोड़ से अधिक खुराक का उत्पादन करने का है।
तकनीकी हस्तांतरण की प्रक्रिया के तहत एसआईआई को गमलेया सेंटर से सेल और वेक्टर नमूने पहले ही मिल चुके हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से इनके आयात की मंजूरी मिलने के साथ कल्टीवेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने एक बयान में कहा, आरडीआईएफ को दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन प्रोड्यूसर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ सहयोग करने में प्रसन्नता हो रही है। यह रणनीतिक साझेदारी भारत और दुनिया भर में जीवन बचाने के लिए बलों और विशेषज्ञता में शामिल होने का एक आदर्श उदाहरण प्रदर्शित करते हुए हमारी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में एसआईआई के साथ संयुक्त रूप से टीके के पहले बैच का उत्पादन किया जाएगा।
वहीं सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, मैं स्पुतनिक वैक्सीन के निर्माण के लिए आरडीआईएफ के साथ साझेदारी करके खुश हूं। हम सितंबर के महीने में परीक्षण बैचों के साथ आने वाले महीनों में लाखों खुराक बनाने की उम्मीद करते हैं। उच्च प्रभावकारिता और एक अच्छी सुरक्षा प्रोफाइल के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि स्पुतनिक वैक्सीन भारत और दुनिया भर के लोगों के लिए पूर्ण रूप से उपलब्ध हो। वायरस की अनिश्चितता को देखते हुए, अंतराष्र्ट्ीय संस्थानों और सरकारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सहयोग करें और महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को आगे बढ़ाएं।
स्पुतनिक वी को 12 अप्रैल को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्रक्रिया के तहत भारत में पंजीकृत किया गया था और रूसी वैक्सीन के साथ कोरोनावायरस के खिलाफ टीकाकरण 14 मई को शुरू हुआ था। यह भारत में टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद तीसरा टीका है।
स्पुतनिक वी वैक्सीन मानव एडेनोवायरल वैक्टर के एक सिद्ध और अच्छी तरह से अध्ययन किए गए प्लेटफॉर्म पर आधारित है। वैक्सीन की दो खुराक हैं और अध्ययनों में इसे कोविड-19 के खिलाफ 97.6 प्रतिशत प्रभावी पाया है। इसकी कीमत प्रति खुराक 10 डॉलर से कम है, जो इसे दुनिया भर में एक किफायती वैक्सीन बनाती है।
स्पुतनिक वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत प्रमुख उत्पादन केंद्र है। आरडीआईएफ ने रूसी वैक्सीन के उत्पादन के लिए पहले भारत में कई दवा कंपनियों के साथ समझौता किया था, जिनमें ग्लैंड फार्मा, हेटेरो बायोफार्मा, पैनासिया बायोटेक, स्टेलिस बायोफार्मा, विरचो बायोटेक और मोरपेन शामिल हैं।
स्पुतनिक वी वैक्सीन को अब तक 67 देशों में पंजीकृत किया गया है, जिनकी कुल आबादी 3.5 अरब से अधिक है।
--आईएएनएस
एकेके/एएनएम
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