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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 15-Dec-2020
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, श्री रोडम नरसिम्हा ने ज्ञान और खोज की भारतीय परंपरा का बेहतरी से पालन किया है। वह एक असाधारण वैज्ञानिक थे, जो भारत के विकास के लिए नवाचारों और विज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के बारे में जुनूनी रहे थे। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।
सोमवार को रात के करीब नौ बजे बेंगलुरू के रमैया मेमोरियल हॉस्पिटल में नरसिम्हा ने अपनी अंतिम सांस लीं। आतंरिक सेरेब्रल रक्तस्त्राव के चलते एक हफ्ते पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 87 साल के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी सहित एक बेटी है।
नरसिम्हा को साल 2013 में विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में उनके अपार योगदान के लिए देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
वह भारतीय अंतरिक्ष आयोग के भी सदस्य थे और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ईसरो) के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के साथ निकटता से जुड़े थे।
साल 1962 से 1999 तक नरसिम्हा शहर के द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोसेफर रह चुके हैं और वह 1984 से 1993 तक भारतीय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (आईसीएसआईआर) के राज्य सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय एयरोस्पेस लेबरेटरीज (एनएएल) के निदेशक भी रहे हैं।
--आईएएनएस
एएसएन-एसकेपी
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