Home Blogs CoronaVirus News विशेषज्ञों ने कोविड महामारी के बीच उच्च रक्तचाप की चेतावनी दी

विशेषज्ञों ने कोविड महामारी के बीच उच्च रक्तचाप की चेतावनी दी

By NS Desk | CoronaVirus News | Posted on :   25-Jul-2021

नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। उच्च रक्तचाप, एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। कोरोनावायरस महामारी के एक साल से अधिक समय के बाद, इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि उच्च रक्तचाप वाले लोगों के गंभीर रूप से बीमार होने या कोविड प्राप्त करने पर उनकी मृत्यु होने की संभावना अधिक होती है।

भारत में लगभग 30 प्रतिशत वयस्कों को उच्च रक्तचाप है, और चिंताजनक रूप से बड़ी संख्या में लोग अपनी स्थिति से अनजान हैं, जो विश्व स्तर पर कम से कम 1.04 करोड़ मौतों और 21.8 करोड़ विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष के लिए जिम्मेदार है।

फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफपीएआई) के विशेषज्ञों ने उच्च रक्तचाप की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है, जो कोविड -19 महामारी से तबाह देश में बीमारी के बोझ को बढ़ा सकती है।

कोविड -19 महामारी के दौरान, कई लोगों ने उच्च रक्तचाप जैसी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों के लिए नियमित यात्राओं को स्थगित कर दिया है। विरोधाभासी रूप से, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों को जो कोविड -19 विकसित करते हैं, उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक होती है। उच्च रक्तचाप की उपस्थिति भी प्रतीत होती है।

प्रोजेक्ट के लॉन्च पर विशेषज्ञों ने कहा, कि जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या उच्च रक्तचाप है, उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपनी दवाएं लेना जारी रखें, विशेष रूप से महामारी के दौरान और घर पर अपने रक्तचाप की स्व-निगरानी करें। प्राची प्रोजक्ट भारत में उच्च रक्तचाप नियंत्रण और उपचार में तेजी लाने के लिए ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इनक्यूबेटर (जीएचएआई) द्वारा समर्थित एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रुप में शुरु किया गया है।

विशेषज्ञों ने कहा, भारत एक महामारी विज्ञान संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। हमने एफपीए इंडिया में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के दशकों के अनुभव को देखभाल अंतराल की पहचान करने के लिए और अधिक अवसर पैदा करने के लिए काम करने का फैसला किया है, जिससे अंतर-क्षेत्रीय सुधार हो सके। सहयोग और पूलिंग संसाधन ताकि सभी आयु समूहों, भौगोलिक क्षेत्रों और सामाजिक-आर्थिक स्तर पर उच्च रक्तचाप की जांच, उपचार और नियंत्रण करने का कोई अवसर न छूटे।

दुनिया भर में 1.13 अरब लोग इस पुरानी स्थिति के साथ जी रहे हैं। भारत में, अनुपचारित और अनियंत्रित रक्तचाप, अकाल मृत्यु और विकलांगता का एक प्रमुख कारण बन गया है।

विशेषज्ञों ने कहा, जब तक रक्तचाप को मापा नहीं जाता, उच्च रक्तचाप का पता नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। जनसांख्यिकी, डॉक्टरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भारत के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता के रूप में उच्च रक्तचाप के उपचार और प्रबंधन पर विचार करने का आह्वान किया।

रत्नमाला देसाई, अध्यक्ष, एफपीए इंडिया के अध्यक्ष रत्नमाला देसाई,ने कहा कि नियमित रूप से निवारक स्वास्थ्य जांच को विशेष रूप से कम उम्र (35-65 वर्ष) और प्रजनन आयु में महिलाओं के बीच अंतर्निहित उच्च रक्तचाप को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

--आईएएनएस

एमएसबी/आरजेएस

NS Desk

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