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लोग टीकाकरण को लेकर क्यों झिझक रहे हैं?

By NS Desk | CoronaVirus News | Posted on :   01-Aug-2021

वारसा, 1 अगस्त (आईएएनएस)। कोरोना के खिलाफ वैक्सीन लगवाने से इनकार करने वाले लोग का रवैये ज्यादातर टीकों के प्रति सामान्यीकृत निगेटिव होता हैं। ये बात एक स्टडी से निकलकर सामने आई है।

वैक्सीन से इनकार करने वालों का मानना है कि टीके गंभीर नकारात्मक दुष्प्रभाव पैदा करते हैं, और संक्रामक रोगों से व्यक्ति और समाज की रक्षा नहीं करते हैं।

इसके अलावा, वे आश्वस्त हैं कि टीकाकरण विरोधी नेताओं को चिकित्सकों की तुलना में टीकों के बारे में बेहतर जानकारी है।

पोलैंड के व्रोकला में जगियेलोनियन यूनिवर्सिटी और एसडब्ल्यूपीएस यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंसेज एंड ह्यूमैनिटीज के नेतृत्व में एक टीम ने कुल 492 प्रतिभागियों के डेटा का उपयोग करके एक अध्ययन किया, जिन्होंने टीकाकरण के प्रति या तो अस्पष्ट या विरोध के रूप में उनकी की पहचान की है।

तर्क एक सम्मेलन के दौरान एकत्र किए गए थे, जहां टीकाकरण का विरोध करने वाले लोगों ने इस विषय पर अपना पक्ष प्रस्तुत किया।

मजे की बात है, भले ही उन्होंने अक्सर अपने रुख को अपने स्वयं में स्थापित करने या टीकों के साथ नकारात्मक अनुभव देखे जाने की सूचना दी, जब उनके तर्क के बारे में पूछा गया, तो वे अपने स्पष्टीकरण को लेकर खुद अस्पष्ट थे।

कई लोगों ने बताया कि उन्हें जानकारी का स्रोत याद नहीं था, जबकि अन्य ने अनुपलब्ध सबूत के बावजूद, आत्मकेंद्रित, एलर्जी या बच्चों के बीमार होने के लिए टीकों के लिए जिम्मेदार ठहराया।

ऐसे उदाहरणों को लोगों की नकारात्मक रिपोटरें को याद रखने की प्रवृत्ति के साथ समझाया जा सकता है, भले ही उन्होंने उसे केवल ऑनलाइन पढ़ा हो।

डॉ कटारजीना स्टासियुक के नेतृत्व में शोधकतार्ओं ने कहा कि पुष्टिकरण पूर्वाग्रह में एक व्यक्ति सक्रिय रूप से अपनी पूर्व-मौजूदा परिकल्पना के अनुरूप जानकारी की मांग करता है, और वैकल्पिक स्पष्टीकरण के संकेत देने वाली जानकारी से परहेज करता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए, टीकों के प्रति पहले से मौजूद नकारात्मक रवैये के कारण व्यक्ति नकारात्मक लक्षणों को टीकों के परिणामों के रूप में व्याख्या कर सकते हैं, नकारात्मक ²ष्टिकोण को और मजबूत कर सकते हैं।

अध्ययन सहकर्मी की समीक्षा की गई विद्वानों की पत्रिका सोशल साइकोलॉजिकल बुलेटिन में प्रकाशित हुआ है।

इस बीच, सर्वेक्षण में वैक्सीन-अस्पष्ट प्रतिभागियों को ज्यादातर टीकों की प्रभावकारिता पर भरोसा था, साथ ही उन पर ठीक से शोध किया जा रहा था।

हालांकि, वे अभी भी साइड इफेक्ट और बिग फार्मा साजिश के बारे में टीका विरोधी आंदोलन के बयानों के लिए अतिसंवेदनशील थे।

इसके अलावा, उन्हें अगर अच्छी तरह से तैयार किए गए तर्कों के साथ प्रस्तुत किया जाता है, तो वे वैक्सीन से इनकार करने वाले बन सकते हैं।

टीम का सुझाव है कि उनके ²ष्टिकोण के सकारात्मक बिंदुओं को मजबूत करने के लिए चिकित्सा पेशेवर टीकों की सिफारिश क्यों करते हैं, इस बारे में उन्हें अभियोजन पक्ष के तर्कों के साथ प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।

--आईएएनएस

एमएसबी/आरजेएस

NS Desk

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