Home Blogs CoronaVirus News महाराष्ट्र, केरल में बढ़ते मामले चिंता का विषय : प्रधानमंत्री (लीड)

महाराष्ट्र, केरल में बढ़ते मामले चिंता का विषय : प्रधानमंत्री (लीड)

By NS Desk | CoronaVirus News | Posted on :   16-Jul-2021

नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केरल और महाराष्ट्र में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी का चलन चिंता का विषय है।

वह कोविड की स्थिति पर चर्चा करने के लिए तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और केरल के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर रहे थे। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे।

कोविड से निपटने में हर संभव मदद और समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्रियों ने उन्हें अपने राज्यों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने टीकाकरण रणनीति और प्रगति के बारे में फीडबैक भी दिया।

मुख्यमंत्रियों ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया और भविष्य में मामलों के किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए सुझाव दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे संक्रमण की वृद्धि को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

अमित शाह ने उल्लेख किया कि इन छह राज्यों में जुलाई महीने के दौरान कुल मामलों का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है, जबकि इनमें से कुछ राज्यों में बहुत अधिक टेस्ट पॉजिटिविटी दर भी है।

अपनी समापन टिप्पणी में मोदी ने कहा, हम सभी एक ऐसे बिंदु पर हैं जहां तीसरी लहर की आशंका लगातार व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञों द्वारा गिरावट के रुझान के कारण सकारात्मक संकेत देने के बावजूद कुछ राज्यों में मामलों की बढ़ती संख्या अभी भी चिंताजनक है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले सप्ताह के दौरान, बैठक में उपस्थित राज्यों से 80 प्रतिशत मामलों के साथ-साथ 84 प्रतिशत दुर्भाग्यपूर्ण मौतें हुईं।

प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि इसी तरह के रुझान दूसरी लहर से पहले जनवरी-फरवरी में देखे गए थे और जोर देकर कहा कि जिन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, वहां तीसरी लहर की संभावना को रोकने के लिए सक्रिय उपाय किए जाने चाहिए।

उन्होंने विशेषज्ञों के विचार को रेखांकित किया कि यदि मामले लंबे समय तक बढ़ते रहे तो कोरोनावायरस के बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाएगी और नए रूपों के खतरे भी बढ़ जाएंगे।

मोदी ने कहा, हमें सूक्ष्म नियंत्रण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और टीका (टीका) की रणनीति जारी रखने की जरूरत है। बड़ी संख्या वाले जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

उन्होंने पूरे राज्यों में टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया।

उच्च संक्रमण वाले क्षेत्रों के लिए टीकों को एक रणनीतिक उपकरण बताते हुए, प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया।

अपनी आरटी-पीसीआर टेस्ट क्षमता में सुधार के लिए इस समय का उपयोग करने वाले राज्यों की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने आईसीयू बेड और टेस्ट क्षमता जैसे चिकित्सा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्रदान की जा रही वित्तीय मदद का भी हवाला दिया।

हाल ही में स्वीकृत 23,000 करोड़ रुपये के आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने राज्यों से चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए धन का उपयोग करने के लिए कहा है।

उन्होंने बच्चों को संक्रमित होने से बचाने और इस संबंध में हर संभव व्यवस्था करने की आवश्यकता का भी विशेष उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने यूरोप, अमेरिका, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, थाईलैंड और कई अन्य देशों में मामलों की संख्या में वृद्धि पर भी चिंता व्यक्त की और कहा यह हमें और दुनिया को सतर्क करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है और लॉकडाउन के बाद आने वाले कोविड मानदंडों के उल्लंघन की तस्वीरों पर गहरी चिंता व्यक्त की।

उन्होंने प्रोटोकॉल का पालन करने और भीड़ से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि बैठक में कई राज्यों में घनी आबादी वाले महानगर हैं।

उन्होंने राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों से लोगों में जागरूकता फैलाने का भी आह्वान किया।

--आईएएनएस

एचके/एएनएम

NS Desk

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