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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 19-Aug-2021
आंकड़ों से पता चला है कि मरने वालों में 3,928 पुरुष, 2,449 महिलाएं और बाकी बच्चे थे।
काठमांडू में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख सरोज प्रसाद ओझा ने देश में अधिक आत्महत्याओं के लिए महामारी के बीच मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने बुधवार को सिन्हुआ को बताया कि लगभग 90 प्रतिशत आत्महत्याएं चिंता और अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि सामाजिक अलगाव ने लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है।
ओझा के अनुसार, जिन लोगों को कोविड -19 के दौरान घर के अंदर रहने के लिए कहा गया था, वे मनो-सामाजिक कारकों से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण हैं।
ओझा के अनुसार, बेरोजगारी, लंबे समय तक शैक्षणिक कार्यक्रम, पारिवारिक विवाद, वित्तीय समस्याएं, शराब का सेवन और मादक द्रव्यों के सेवन जैसे मनो-सामाजिक कारकों ने अधिकांश आत्महत्याओं में योगदान दिया है।
पिछले 12 वर्षों से मानसिक स्वास्थ्य की वकालत पर काम कर रहे जगन्नाथ लामिछाने ने कहा कि आत्महत्या को सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दे के रूप में देखने के बजाय, हमारा समाज आत्महत्या को एक आपराधिक ²ष्टिकोण से देखता है जिससे लोगों के लिए आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना मुश्किल हो जाता है। इस झिझक के कारण, आत्महत्या अधिक होती है।
उन्होंने सिन्हुआ को बताया कि 50 प्रतिशत से अधिक मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं किशोरावस्था से पहले शुरू हो जाती हैं जो युवाओं को कमजोर बनाती हैं।
इसलिए हमें स्कूली शिक्षा में आत्महत्या की रोकथाम और मानसिक कल्याण के विषय को शामिल करके जमीनी स्तर से मानसिक स्वास्थ्य की वकालत करनी होगी।
--आईएएनएस
एमएसबी/आरजेएस
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