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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 19-Dec-2020
देश में केरल के त्रिशूर जिले में 30 जनवरी को पहला मामला सामने आने के लगभग 11 महीने बाद संक्रमण के आंकड़ों ने करोड़ का पड़ाव पार किया है। अब तक देश में 10,004,599 कोरोनावायरस मामले और उससे हुई 14,51,36 मौतें दर्ज की गई हैं।
कोविड संक्रमणों की संख्या ने 17 जुलाई को 10 लाख का आंकड़ा पार किया था; वहीं 7 अगस्त को 20 लाख; 23 अगस्त को 30 लाख; 5 सितंबर को 40 लाख; 16 सितंबर को 50 लाख; 28 सितंबर को 60 लाख; 11 अक्टूबर को 70 लाख; 29 अक्टूबर को 80 लाख; और 20 नवंबर को 90 लाख का आंकड़ा पार किया था।
देश में संक्रमण के मामलों को 10 लाख का आंकड़ा छूने में पांच महीने लगे थे।
दुनियाभर में अमेरिका के बाद भारत में कोरोनावायरस के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं अमेरिका ने संक्रमण में करोड़ का पड़ाव 9 नवंबर को पार कर लिया था।
भारत में सितंबर में संक्रमण की वृद्धि सबसे अधिक देखी गई, इस दौरान महामारी चरम पर रहा और 16 सितंबर को एक दिन में दर्ज होने वाले संक्रमण के मामले सर्वाधिक 97,894 दर्ज किए गए
इसके बाद से नए मामलों की संख्या में भारी कमी आई है। उल्लेखनीय रूप से रिकवरी दर 95.46 प्रतिशत है, जबकि मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। पिछले 12 दिनों से सक्रिय मामलों की संख्या चार लाख से नीचे है। भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक रिकवरी दर वाले शीर्ष देशों में से एक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सक्रिय मामलों और रिकवरी मामलों के बीच की खाई लगातार बड़ी होती जा रही है। अब तक 95,50,712 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, जबकि 3,08,751 लोग वर्तमान में संक्रमित हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जानकारी दी कि कोविड -19 के लिए अब तक कुल 16,00,90,514 नमूनों का टेस्ट किया गया है। इनमें से 11,71,868 नमूनों का टेस्ट शुक्रवार को किया गया।
महाराष्ट्र अब तक 18,88,767 मामलों के साथ सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। करीब 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 76 प्रतिशत से अधिक नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं और इनमें केरल, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात हैं।
वहीं संक्रमण से हुई मौतों में 75 प्रतिशत से अधिक योगदान महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का रहा है।
हालांकि, इसके साथ ही एक आशा की किरण भी नजर आई है। भारत में आठ कोविड -19 वैक्सीन कैंडीडेट्स हैं, जिनमें तीन स्वदेशी वैक्सीन भी शामिल हैं, जो क्लिनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं और निकट भविष्य में ऑथराइजेशन के लिए तैयार हो सकते हैं।
इसमें एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया निर्मित कोवशिल्ड शामिल हैं। भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा कोवैक्सिन, जाइडस कैडिला द्वारा जाइकोव-डी और रूसी वैक्सीन कैंडीडेट स्पूतनिक-5 भी शामिल है।
इनके अलावा सूची में एसआईआई द्वारा एनवीएक्स-कोव2373, जिनेवा द्वारा एचजीसीओ19 और बायोलोजिकल ई लिमिटेड द्वारा रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन एंटीजेन आधारित वैक्सीन और भारत बायोटेक द्वारा इनएक्टिवेटेड रैबिज वेक्टर प्लेटफॉर्म है।
केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन के पहले चरण के दौरान लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई है। इसमें 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ बुजुर्गों के साथ एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स शामिल हैं।
--आईएएनएस
एमएनएस/वीएवी
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