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बिहार में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी, बच्चे अधिक पीड़ित

By NS Desk | CoronaVirus News | Posted on :   06-Sep-2021

पटना, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। बिहार के पटना सहित राज्य के कई जिलों में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों में अधिकांश बच्चे हैें। वायरल बुखार के प्रकोप के कारण अस्पताल में बच्चे मरीज की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

पटना के सबसे बडे अस्पताल माने जाने वाले पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशसन की मानें तो वायरल बुखार के गंभीर मरीजों की संख्या 10 दिनो ंमें बढ़ी है। अस्पताल ओपीडी में मरीजों की संख्या में 60 प्रतिशत मरीज वायरल बुखर से पीड़ित आ रहे हैं। कई मरीजों की स्थिति तो बहुत बिगड़ी हुई है, जिन्हें इमरजेंसी में भर्ती करना पड रहा है।

पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थन (एम्स) के ओपीडी में भी वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कहा जा रहा है कि मौसम में बदलाव के कारण भी यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

मुजफ्फरपुर जिले में भी वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। एसकेएमसीएच में शनिवार को पीकू वार्ड में 85 बच्चों को भर्ती कर इलाज चल रहा है। पिछले एक सप्ताह से अलग-अलग अस्पतालों के ओपीडी में 200 से अधिक बच्चे वायरल सहित अन्य बीमारी से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं।

एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल सहनी कहते हैं कि वायरल बुखार करीब एक सप्ताह में बहुत तेजी से देखने को मिला है । खासकर बच्चे ज्यादा ही प्रभावित है काफी तेज बुखार के साथ साथ सांस फूलने की तकलीफें हो रही है ।

उन्होंने कहा कि यह वायरल बुखार मौसम बदलने के कारण हो रहा है। यह कोल्ड वायरल फीवर है ।

वही डॉ. साहनी ने कहा कि यह वायरल बुखार बच्चों के साथ-साथ व्यस्कों में भी देखा जा रहा है लेकिन वयस्कों की अपेक्षा बच्चे पर इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है । जरूरत है लोगों को स्वास्थ्य का ख्याल रखने की ।

उन्होंने कहा कि बच्चों में जो अभी वायरल बुखार हो रहा है, वह सामान्य वायरल इंफेक्शन नहीं है। बच्चों में अचानक हाई फीवर होकर सर्दी, जुकाम हो रहे हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि चार से पांच दिन की दवा लेने के बाद उनकी सेहत में सुधार हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफ्जाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के लिए चर्चित रहा है। यहां प्रतिवर्ष एईएस से सैकडों बच्चे पीड़ित होते थे। हालांकि इस साल इस बीमारी का प्रकोप कम दिखा है। इन अस्पतालों में अन्य जिले के बच्चे भी पहुंच रहे हैें।

इधर, डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को हर हाल में कोरोना मानकों का पालन करवाना चाहिए। बच्चों को हल्के बुखार होने के तुरंत बाद डॉक्टरों से परामर्श लेनी चाहिए।

--आईएएनएस

एमएनपी/आरजेएस

NS Desk

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