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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 27-Jul-2021
यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन के शोधकतार्ओं के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला है कि उम्र, पुरानी बीमारियों या लिंग की परवाह किए बिना टीके की खुराक का प्रभाव सभी कैटेगरी के लोगो में समान है।
द लैंसेट में एक शोध पत्र में लिखा है कि, अध्ययन में 600 से अधिक लोगों के डेटा शामिल थे। इसमें दिखाया गया था कि एस्ट्राजेनेका जैब की दो खुराक की तुलना में फाइजर वैक्सीन की दो खुराक के बाद एंटीबॉडी का स्तर काफी अधिक है।
वे पहले सार्स-कोवि-2 संक्रमण वाले लोगों में भी बहुत अधिक हैं।
फाइजर के लिए एंटीबॉडी का स्तर 21-41 दिनों में 7506 यू/एमएल के औसत से घटकर 70 या अधिक दिनों में 3320 यू/एमएल हो गया। एस्ट्राजेनेका के लिए, एंटीबॉडी का स्तर 1201 यू/एमएल के औसत से 0-20 दिनों में घटकर 190 यू/एमएल (67-644) 70 या अधिक दिनों में हो गया।
यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मैडी श्रोत्री ने कहा, एस्ट्राजेनेका या फाइजर वैक्सीन की दोनों खुराक के बाद एंटीबॉडी का स्तर शुरू में बहुत अधिक था, जो कि गंभीर कोविड -19 के खिलाफ इतने सुरक्षात्मक क्यों हैं, इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने की संभावना है।
उन्होने कहा, हालांकि, हमने पाया कि इन स्तरों में दो से तीन महीनों के दौरान काफी गिरावट आई है। यदि वे इस दर पर गिरते रहते हैं, तो हम चिंतित हैं कि टीकों के सुरक्षात्मक प्रभाव भी कम हो सकते हैं, खासकर नए रूपों के खिलाफ; लेकिन हम अभी यह अनुमान नहीं लगा सकते कि यह कितनी जल्दी हो सकता है।
यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर रॉब एल्ड्रिज ने कहा,इसके अलावा, जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ टीका लगाया गया था, जिनमें अधिकांश देखभाल करने वाले घर के निवासी शामिल हैं, उनमें फाइजर वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने वालों की तुलना में बहुत कम एंटीबॉडी स्तर होने की संभावना है। इसलिए इस पर भी विचार करने की आवश्यकता हो सकती है कि कब प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इस प्रकार, शोधकतार्ओं ने नोट किया है कि अतिरिक्त शोध यह स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि क्या गंभीर बीमारी से सुरक्षा के लिए आवश्यक एंटीबॉडी स्तर की सीमा है।
--आईएएनएस
एनपी/आरजेएस
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