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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 12-Jul-2021
पृथ्वी की सतह के सिर्फ 2 प्रतिशत हिस्से पर फैले इन शहरों का जलवायु संकट में काफी बड़ा योगदान है। बता दें कि वर्तमान शहरी जीएचजी शमन लक्ष्य इस सदी के अंत तक वैश्विक जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
चीन के सन यात-सेन विश्वविद्यालय के शाओकिंग चेन ने फ्रंटियर्स इन सस्टेनेबल सिटीज जर्नल में प्रकाशित एक पेपर में कहा, वर्तमान समय में वैश्विक आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शहरों में रहता है। शहरों को 70 प्रतिशत से अधिक जीएचजी के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार बताया जाता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के डीकाबोर्नाइजेशन में इनकी आपस में एक बड़ी जिम्मेदारी है।
वह आगे कहते हैं, शहरों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाली मौजूदा इन्वेंट्री विधियां विश्व स्तर पर भिन्न होती हैं, जिससे समय और स्थान के साथ उत्सर्जन शमन की प्रगति का आकलन और तुलना करना मुश्किल हो जाता है।
निष्कर्षो से पता चला कि स्थिर ऊर्जा और परिवहन उत्सर्जन के दो मुख्य स्रोत थे।
अध्ययन में कहा गया, 42 शहरों के पास समय-श्रृंखला का पता लगाने योग्य डेटा था। इनमें से 30 में अध्ययन के दौरान वार्षिक जीएचजी उत्सर्जन में कमी देखी गई। हालांकि कई शहरों में उत्सर्जन में वृद्धि भी देखी गई।
उत्तर और दक्षिण अमेरिका, यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया में से 53 शहरों का चुनाव आकार और क्षेत्रीय वितरण में प्रतिनिधित्व के आधार पर चुना गया था।
परिणामों से पता चला कि विकसित और विकासशील दोनों देशों में कई ऐसे शहर हैं, जिनसे भारी मात्रा में जीएचजी का उत्सर्जन होता है, लेकिन एशिया में मेगासिटी (जैसे चीन में शंघाई और जापान में टोक्यो) विशेष रूप से इसके लिए जिम्मेदार हैं।
--आईएएनएस
एएसएन/आरजेएस
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