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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 11-Aug-2021
डीसीजीआई ने कहा है कि वेल्लूर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज द्वारा इसका अध्ययन और नैदानिक परीक्षण किया जाएगा।
अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या एक व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन शॉट्स दिए जा सकते हैं - एक कोविशील्ड और कोवैक्सिन में से प्रत्येक को एक ही वैक्सीन के जुड़वां शॉट्स को प्रशासित करने के मौजूदा अभ्यास के बजाय कोरोनावायरस बीमारी के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया जा सकता है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की एक विषय विशेषज्ञ समिति ने 29 जुलाई को दो शॉट्स के मिश्रण पर यह अध्ययन करने की सिफारिश की थी।
विशेषज्ञ समिति ने सीएमसी, वेल्लूर को चरण 4 नैदानिक परीक्षण आयोजित करने की अनुमति देने की सिफारिश की, जो 300 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर कोवैक्सिन और कोविशील्ड की एक खुराक देकर अध्ययन कर सकता है।
हालांकि, टीकों के मिश्रण पर अध्ययन के लिए डीसीजीआई की मंजूरी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के हालिया अध्ययन से अलग है, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि दो अलग-अलग शॉट्स का संयोजन सुरक्षित और प्रभावी है।
आईसीएमआर ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन के आकस्मिक मिश्रण का विश्लेषण किया है।
--आईएएनएस
एमएसबी/आरजेएस
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