AYURVEDA
MedicineDOCTOR
e-ConsultAYURVEDA
ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 10-Jul-2021
चीन में एनआईएआईडी कार्यालय के निदेशक पिंग चेंग के पत्राचार ने इन संपर्कों को विस्तृत किया है।
ये विवरण सुर्खियों में हैं क्योंकि कोरोनोवायरस के प्रसार में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की भूमिका पर बहस छिड़ गई है।
चेंग लिखते हैं कि यूएसएआईडी और अन्य संगठनों द्वारा प्रायोजित परियोजना के दायरे पर चर्चा करने के लिए ग्लोबल वायरोम प्रोजेक्ट बीजिंग का दौरा करेगा।
चेंग ने लिखा वे परियोजना के नेता बनने के लिए अमेरिका और चीन की योजना बना रहे हैं। चीन मेजबान चीन सीडीसी है और हमारे प्रिय मित्र जॉर्ज गाओ परियोजना के लिए चीन पीओसी हैं। परियोजना का उद्देश्य संभावित क्रॉसिंग ओवर वाले वन्यजीवों में मौजूद वायरस की पहचान करना है। मनुष्यों के लिए, मानव संक्रमण और फैल गया।
चेंग ने लिखा वायरस की पहचान के बाद मानव आबादी की रक्षा के लिए टीकों का विकास किया जा रहा है।
यह वास्तव में कोविड 19 के साथ घटनाओं का क्रम है जब पहले वायरस टूटा और फिर टीके तस्वीर में आए।
चेंग ने आगे लिखा कि चीन के पास 7 राष्ट्रीय स्वामित्व वाली वैक्सीन निर्माण सुविधा और 30 से अधिक निजी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ वैक्सीन विकास की विशाल क्षमता है।
चेंग ने लिखा इस परियोजना में भागीदारों में से एक इकोहेल्थ एलायंस है। इकोहेल्थ एलायंस के पीटर दासजक जीवीपी परियोजना के नेताओं में से एक हैं और उन्हें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से चीन में बैट आबादी में कोरोनावायरस को देखते हुए आरडीबी से एनआईएआईडी अनुदान मिला है। वह एक बार दूतावास में मुझसे मिलने आए थे। इस अनुदान का जीवीपी के उद्देश्य से सीधा संबंध है।
--आईएएनएस
एसएस/एएनएम
Are you an Ayurveda doctor? Download our App from Google PlayStore now!
Download NirogStreet App for Ayurveda Doctors. Discuss cases with other doctors, share insights and experiences, read research papers and case studies. Get Free Consultation 9625991603 | 9625991607 | 8595299366