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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 24-Dec-2020
अधिवक्ता जी. प्रकाश के माध्यम से दायर राज्य सरकार की याचिका में दलील दी गई है कि हाईकोर्ट ने किसी भी रिपोर्ट या अन्य दस्तावेज पर विचार किए बिना तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि का आदेश दिया है। याचिका में यह दलील भी दी गई है कि हाईकोर्ट का यह आदेश महामारी के समय पर धार्मिक स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी भारी दबाव डालेगा।
राज्य सरकार की याचिका में कहा गया है कि सबरीमाला मंदिर में कोविड-19 से प्रभावित पुलिस अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों और तीर्थयात्रियों की संख्या काफी है।
हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर को इस मुद्दे पर रिट याचिकाओं का निपटारा किया था और मंदिर में दैनिक तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाकर 5,000 करने का निर्णय लिया था।
20 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच सबरीमाला मंदिर फेस्टिवल की अवधि की ओर इशारा करते हुए, केरल सरकार ने दलील दी कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति ने स्वास्थ्य विभाग की सलाह के अनुसार, सप्ताह के दिनों में 2,000 और सप्ताहांत पर 3,000 तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित की थी।
ब्रिटेन में नए कोरोनावायरस स्ट्रेन का पता लगने और वहां से आने और जाने वाली उड़ानों को रद्द करने के सरकार के फैसले का हवाला देते हुए, राज्य की याचिका में कहा गया है, इस तरह की स्थिति होने पर केरल सरकार इस फैसले में इस अदालत का तत्काल हस्तक्षेप चाहती है।
केरल सरकार ने शीर्ष अदालत से अंतरिम राहत के रूप में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया।
--आईएएनएस
एकेके/एएनएम
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