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ClinicsBy NS Desk | CoronaVirus News | Posted on : 19-Aug-2021
एसोसिएशन की कैडर समीक्षा सहित कई मांगे लंबित हैं, जिस पर पिछले 30 वर्षों से कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
एम्स की ऑफिसर्स एसोसिएशन (अधिकारी संघ) ने अपनी मांगों के साथ एम्स प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि 1992 से कैडर समीक्षा नहीं हुई है और स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
एम्स के ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि वे पहले भी कई बार स्वास्थ्य मंत्रालय को लिख चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।
उन्होंने कहा, अब स्वास्थ्य मंत्री भी बदल गए हैं, लेकिन हमारी मांगें अभी भी अनुत्तरित हैं। हम एम्स प्रशासन से कैडर समीक्षा करने का अनुरोध कर रहे हैं, जो पिछले 30 वर्षों से नहीं किया गया है। एक बार अगर कैडर की समीक्षा हो जाए तो फिर ऑफिसर्स एसोसिएशन एम्स के कर्मचारी पदोन्नत हो सकते हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई विचार नहीं किया गया है।
एसोसिएशन की अन्य मांगों में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में एम्स के योगदान की समीक्षा शामिल है। अजीत सिंह ने दावा किया कि अन्य सरकारी कार्यालय एनपीएस में 14 फीसदी का योगदान करते हैं, लेकिन एम्स केवल 10 फीसदी की पेशकश करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली एम्स, चंडीगढ़ एम्स और पीजीआई पुडुचेरी अस्पताल एक ही श्रेणी में आते हैं, लेकिन सभी को अलग-अलग वेतनमान दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, इस तरह के मुद्दों को हल करने के लिए दिल्ली एम्स, चंडीगढ़ एम्स और पीजीआई पुडुचेरी के साथ उप निदेशक स्तर पर 2012 में एक समन्वय समिति का गठन किया गया था, लेकिन सब बेकार गया और कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एम्स प्रशासन हमारी मांगों का जवाब नहीं देता है तो हम इस महीने के अंत तक हड़ताल पर जाएंगे।
--आईएएनएस
एकेके/एएनएम
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