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बवासीर की आयुर्वेदिक दवा कौन - कौन सी है?

By NS Desk | Ayurvedic Medicines | Posted on :   21-Mar-2023

बवासीर की आयुर्वेदिक दवा

बवासीर और आयुर्वेद - Piles and Ayurveda in Hindi

बवासीर (पाइल्स) एक ऐसी समस्या है जिसमें मलद्वार के आसपास की नसों में सूजन और दर्द होता है। यह समस्या अलग-अलग कारणों से होती है जैसे कि खाने की गलत आदतें, बैठने या खड़े रहने की गलत आदतें, मलत्याग के समय जोर लगाना आदि। आयुर्वेद में बवासीर के उपचार के लिए कुछ दवाइयों का उल्लेख किया गया है। नीचे दिए गए हैं कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां जो बवासीर के लिए उपयोगी हो सकती हैं। आप अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेकर इन दवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

बवासीर की आयुर्वेदिक दवा - Piles Ayurvedic Medicines in Hindi

अर्शोहर वटी: यह आयुर्वेदिक दवा पाइल्स के लिए बहुत उपयोगी है। इसमें कुछ जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है जो बवासीर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। इस दवा में संयोग अशोक, कालमेघ, वंजुलाक्ष, लोधर, दुग्ध, नागकेसर आदि होते हैं।

अर्शकुतर रस: यह दवा खुली बवासीर के लिए बहुत उपयोगी होती है।

अर्शोतर चूर्ण: यह दवा पाइल्स के उपचार में बहुत उपयोगी होती है। इस चूर्ण में संयोग निम्बू का रस, सेंधा नमक, सोंठ, हरड़, बहेड़ा, अमला आदि होते हैं।

अर्शकुतार रस: यह रस पाइल्स के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसमें संयोग सोंठ, हरड़, बहेड़ा, नीम आदि होते हैं।

अभयारिष्ट: यह दवा बवासीर के लिए अत्यंत उपयोगी होती है। इसमें आंवला, हरड़, बहेरा आदि कई पेट के लिए फायदेमंद साबित होने वाली जड़ी-बूटियाँ शामिल होती है।

पाइल ऑफ़ सियना टेबलेट: यह दवा पाइल्स के लिए उपयोग की जाती है। इसमें सियना, नीम, कालिमिर्च, नागकेसर, शुद्ध गंधक और अन्य जड़ी बूटियां होती हैं।

पाइल निल ऑइंटमेंट: यह ऑइंटमेंट पाइल्स के लिए उपयोग की जाती है। इसमें नीलगिरि तेल, संतरे का तेल, जैतून का तेल, काली मिर्च और अन्य जड़ी बूटियां होती हैं।

पिलगोल्ड: यह दवा भी पाइल्स के लिए बहुत उपयोगी होती है। इसमें बेल, सेन्ना, हरड़, टाकोला, कलमे, निम्बू, संतरे आदि औषधियां होती हैं।

पाइलाप्ट एक्सटर्नल क्रीम: यह दवा पाइल्स के बाहरी रूपों के लिए सुझाव दिया जाता है। इसमें नींबू का रस, आयरन, कमल ककड़ी आदि जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है।

त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण बवासीर के लिए एक प्रमुख उपाय है। इसे गर्म पानी के साथ सेवन करना बवासीर से निजात पाने में मदद करता है।

अमलकी चूर्ण: यह एक औषधि है जो बवासीर के उपचार में उपयोगी होती है। इसे रोजाना सेवन करना बवासीर से निजात पाने में मदद करता है।

स्थूलक्षार: यह बवासीर के उपचार के लिए एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसे ताजे दही के साथ सेवन करना चाहिए।

दादिम घृत: दादिम घृत एक औषधि है जो बवासीर से निजात पाने में मदद करती है। इसे एक चम्मच दादिम घृत को गुड़ के साथ सेवन करना चाहिए।

घी: घी पाइल्स के लिए एक अच्छा उपचार है। गुड़ के साथ दिन में दो बार घी लें।

सिट्स बाथ: सिट्स बाथ एक और प्रभावी उपचार है, जो पाइल्स के लिए उपयोगी होता है। इसमें गुड़ का पानी या नमक का पानी शामिल होता है।

अश्वगंधा: अश्वगंधा में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण होते हैं जो हेमोर्रोइड्स के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, अश्वगंधा शरीर को स्थायीकरण करने में भी मदद कर सकता है जो हेमोर्रोइड्स के लक्षणों को कम कर सकता है।

बवासीर की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? 

बवासीर के इलाज के लिए कई आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन इसके लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा का चयन आपके बवासीर के अवस्था और प्रकृति पर निर्भर करता है। इसलिए, सबसे अच्छा उपचार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है।

यहाँ कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के नाम हैं जो बवासीर के इलाज में उपयोगी साबित हुए हैं:

  • ट्रिफला चूर्ण
  • अर्शोहर वटी
  • सुध त्रिपला चूर्ण
  • अमृतारिष्ट
  • अभयारिष्ट
  • संद्राश्रि वटी

यदि आपको बवासीर के लिए आयुर्वेदिक दवा लेने की सलाह दी गई है तो आपको अपने निकटतम आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। 

क्या आयुर्वेद की दवाओं से बवासीर का उपचार संभव है?
हां, आयुर्वेद के अनुसार बवासीर (पाइल्स) के उपचार के लिए कई दवाएं हैं। बवासीर एक प्रकार का शल्य रोग है जो गुदा क्षेत्र में वृद्धि हुए वसा वाले ऊतकों से होता है। यह रोग बहुत से लोगों में होता है और अधिकतर मामलों में यह बेहद उपचारयोग्य होता है।

बवासीर के आयुर्वेदिक उपचार के लिए, कुछ जड़ी बूटियों और आयुर्वेदिक दवाइयों का उपयोग किया जाता है। कुछ इस प्रकार हैं:

त्रिफला चूर्ण: यह बवासीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसे दिन में दो बार खाने के बाद शहद के साथ लेना चाहिए।

अर्शोहर वटी: यह बवासीर के लिए एक उत्तम आयुर्वेदिक दवा है। इसका उपयोग करके, पेशाब करते समय दर्द और संबंधित समस्याओं को कम किया जा सकता है।

अभयारिष्ट: यह बवासीर के लिए एक अन्य प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है। इसे प्रतिदिन खाने से जल्द से जल्द लाभ मिल सकता है।

पाइल्सोनिल कैप्सूल: पाइल्सोनिल कैप्सूल एक आयुर्वेदिक दवा है जो पाइल्स के इलाज में प्रयोग किया जाता है। यह कैप्सूल गंधक, नीम, शंख भस्म, हरितकी और बहुमूलादि से बना होता है।

यह कैप्सूल दर्द, सूजन, खुजली, दर्द और रक्त स्त्राव को कम करने में मदद करता है और पाइल्स के उपचार के लिए उपयोगी होता है। यह आपकी आंतों की आराम से संबंधित समस्याओं को दूर करता है।

बवासीर के मस्से हटाने की कौन सी हर्बल क्रीम है? 
बवासीर (पाइल्स) के लिए हर्बल क्रीमों में कई प्रकार के जड़ी बूटियां, तेल और अन्य प्राकृतिक तत्व होते हैं जो इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, किसी भी हर्बल क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी होता है।

यहां कुछ हर्बल क्रीमों के नाम दिए जाते हैं जो बवासीर के मस्सों को हटाने में मदद कर सकते हैं:

पाइलैक्स क्रीम (Pilex Cream): यह क्रीम हिमालया हर्बल हेल्थकेयर कंपनी के द्वारा बनाई गई है। इसमें बवासीर को दूर करने के लिए अनेक प्रकार के जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है।

आयुर्वेदिक पाइल्स क्रीम (Ayurvedic Piles Cream): इस क्रीम में अनेक प्रकार के जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है जो बवासीर को ठीक करने में मदद करते हैं।

हिमालय फाइन्डीज क्रीम (Himalaya Pilex Ointment): यह क्रीम हिमालया हर्बल हेल्थकेयर कंपनी द्वारा बनाई गई है। इसमें बवासीर के इलाज के लिए विभिन्न जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है। 

बवासीर के मस्सों पर कौन सा तेल लगाना चाहिए? 
बवासीर के मस्सों पर जैतून का तेल, नारियल का तेल, अदरक का तेल या टी ट्री आयल जैसे प्राकृतिक तेल लगाना उपयुक्त होता है।

ये तेल दर्द को कम करने में मदद करते हैं और जलन, सूजन और खुजली को भी कम कर सकते हैं। इन तेलों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बवासीर के मस्सों को नर्म बनाने में मदद करते हैं।

आपको किसी भी तेल का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, विशेष रूप से अगर आपको किसी तरह की एलर्जी होती है।

(चेतावनी: आयुर्वेद के चिकित्सक से परामर्श लिए बिना किसी भी बीमारी के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवा का सेवन करना अहितकर सिद्ध हो सकता है। यहाँ दी जानकारी सिर्फ जानकारी बढ़ाने के उद्देश्य से दी गयी है।)

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।