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ClinicsBy NS Desk | Ayurvedic Medicines | Posted on : 22-Oct-2022
महामंजिष्ठादि काढ़ा अपने "रक्तशोधक" और "रक्त प्रसादन" (Raktashodak" and "rakta prasadana) गुणों के लिए जाना जाता है जो रक्त को साफ करने और उसमें से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
धूतपापेश्वर महामंजिष्ठादि काढ़ा (Dhootapapeshwar Mahamanjisthadi Kadha) 43 प्राकृतिक अवयवों से बनी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक तरल सूत्रीकरण है। यह मुख्य घटक के रूप में मंजिष्ठा (manjistha) के साथ एक "रक्तशोधक" काढ़ा (Raktashodhak) है। मंजिष्ठा एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी है जिसका त्वचा रोगों के उपचार में बहुत प्रभाव पड़ता है। यह एक रक्त शोधक है, पित्त दोष को कम करता है, स्वर और रंग में सुधार करता है।
महामंजिष्ठादि काढ़ा त्वचा रोगों जैसे एक्जिमा (eczema), पित्ती (urticaria), सोरायसिस (psoriasis)और इससे जुड़ी समस्याओं जैसे खुजली (itching), सूजन (swelling), लालिमा (redness), त्वचा पर चकत्ते (skin rashes), उबकाई (oozing), मुंहासे (acne), फुंसी (pimples) आदि के लिए एक पारंपरिक उपाय है। और इसकी घटनाओं को कम करता है। यह रक्त की गुणवत्ता को शुद्ध और सुधारता है। इसमें जीवाणुरोधी (anti-bacterial), रेचक (laxative) और मूत्रवर्धक क्रियाएं (diuretic actions) हैं। यह त्वचा के स्वास्थ्य और रंग में सुधार करता है, रक्त की गुणवत्ता में सुधार करता है, घावों को भरने में मदद करता है और मधुमेह के कार्बनक्ले (carbuncles) में उपयोगी होता है। महामंजिष्ठादि काढ़ा रक्त प्रवाह में रुकावट को दूर करता है और विषहरण (detoxifies) करता है। यह मोटे व्यक्तियों में वजन कम करने में भी मदद करता है।
महामंजिष्ठादि काढ़ा अपने "रक्तशोधक" और "रक्त प्रसादन" (Raktashodak" and "rakta prasadana) गुणों के लिए जाना जाता है जो रक्त को साफ करने और उसमें से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। रक्त शुद्धि के बहुत सारे लाभ हैं। आयुर्वेद भी इसके महत्व का समर्थन करता है क्योंकि यह व्यक्ति की प्रतिरक्षा और सामान्य स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। विषाक्त पदार्थों के उन्मूलन से बीमारी की संभावना बहुत कम हो जाती है। कहा जाता है कि शुद्ध रक्त हृदय को स्वस्थ रखता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर और कैंसर की घटनाओं को कम करता है।
मञ्जिष्ठामुस्तकुटजोगुडूचीकुष्ठनागरैः।
भार्ङ्गीक्षुद्रवचानिम्बनिशाद्वयफलात्रिकैः।।
पटोलकटुकीमूर्वविडङ्गासनचित्रकैः।
शतावरीत्रायमाणकृष्णेन्द्रयववासकैः।।
भृङ्गाराजमहादारुपाठखदिरचन्दनैः।
त्रिवृत् वारुणकैरातबाकुचीकृतमालकैः।।
शाखोटकमहानिंबाकरञ्जातिविपाजलैः।
इन्द्रवारुणिकानन्तासारिववपर्पटैः समैः।।
एभिः कृतं पिबेत् क्वाथं कणा गुग्गुलु संयुतम्।
अष्टादशेषु कुष्टेषु वातरक्तार्दितं तथा।।
उपदांशेश्लीपदे च प्रसुप्तपक्षाघातके।
मेदोदोषे नेत्ररोगे मञ्जिष्टादि प्रशस्यतम्।।
[शारंगधर संहिता मध्यम खण्डं (१३७-१४२)]
शास्त्रीय रूप से महामंजिष्ठादि काढ़ा 18 तरह कुष्ट (त्वचा रोग), रुमेटीइड गठिया (rheumatoid arthritis), चेहरे का पक्षाघात (facial palsy), फाइलेरिया (filariasis), हेमिप्लेजिया(hemiplegia), वसा और नेत्र रोगों में उपयोगी सिद्ध होता है। यह पित्त दोष (PITTA Dosha) को शांत करने में विशेष रूप से प्रभावी है और वात (Vaat) और कफ दोष (Kapha Dosha) को संतुलित करने में मदद करता है। इसके अलावा ये निम्न रोगों में भी फायदेमंद होता है :
मुँहासा के लिए महामंजिष्ठादि काढ़ा - Mahamanjisthadi Kadha for Acne Vulgaris in Hindi
बैक्टीरिया, गंदगी और तेल (सीबम) के कारण रोम छिद्रों में रुकावट के कारण त्वचा में पिंपल्स पैदा होते हैं। महामंजिष्ठादि काढ़ा के अवयवों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गतिविधियां होती हैं जो मुंहासों को रोकने में मदद करती हैं।
त्वचा के लिए महामंजिष्ठादि काढ़ा के फायदे - Mahamanjisthadi Kadha Benefits for Skin in Hindi
महामंजिष्ठादि काढ़ा रक्त प्रवाह में रुकावट को दूर करता है और रक्त को शुद्ध करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है। यह रक्त में खराब वात दोष के कारण जोड़ों में दर्द को कम करने में मदद करता है, और एथलीटों के पैर की उंगलियों के बीच खुजली, जलन और फटी पपड़ीदार त्वचा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
कैंसर, हृदय रोगों के लिए महामंजिष्ठादि काढ़ा
Mahamanjisthadi Kadha for Systemic Diseases in Hindi - महामंजिष्ठादि काढ़ा के अवयवों (ingredients) में फ्री रेडिकल तंत्र (free radical scavenging mechanism) होता है जो कैंसर (cancer), हृदय रोग (heart disease) आदि को रोकने में मदद करता है।
एलर्जी में महामंजिष्ठादि काढ़ा
Mahamanjisthadi Kadha for Allergic Conditions in Hindi - महामंजिष्ठादि काढ़ा में एंटीहिस्टामिनिक गुण (antihistaminic properties) होते हैं जो एलर्जी की स्थिति को कम करने में मदद करते हैं।
मोटापे के लिए महामंजिष्ठादि काढ़ा
Mahamanjisthadi Kadha for Obesity in Hindi - यह वसा (fat) के चयापचय (digestion) में सुधार करने के साथ-साथ शरीर में संचित वसा के पाचन में मदद करता है। यह उदर नलिका (abdominal canal) को साफ करता है, यकृत ( liver) के कार्यों की जांच करता है और चयापचय में सुधार (Improves metabolism) करता है। महामंजिष्ठादि काढ़ा के अवयवों (ingredients) में एक हल्का रेचक गुण (laxative property) होता है जिसके द्वारा कोलन (colon) के माध्यम से विषाक्त पदार्थ (toxins) समाप्त हो जाते हैं।
महामंजिष्ठादि काढ़ा सुरक्षित है। कोई ज्ञात दुष्प्रभाव अबतक सामने नहीं आया है। हालांकि, अधिक मात्रा में लेने से गैस्ट्रिक (gastric irritation) और जलन की समस्या हो सकती है। स्वयं से औषधि लेने से बचना चाहिए।
महामंजिष्ठादि काढ़ा के 2-4 चम्मच या 10-20 मिली दिन में दो बार भोजन के बाद बराबर मात्रा में गुनगुने पानी (lukewarm water) के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार।
पिप्पली (pippali) और गुग्गुलु (guggulu) के साथ सेवन करें
प्रश्न - क्या महामंजिष्ठादि काढ़ा लेते समय एलोपैथिक दवा (allopathic medicine) के सेवन से बचना चाहिए?
उत्तर - आयुर्वेदिक दवाएं अन्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया नहीं करती हैं(Ayurvedic medicines do not react with other medicine)। अधिक विशिष्टताओं के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
प्रश्न - क्या महामंजिष्ठादि काढ़ा काउंटर दवा (counter drug) के रूप में उपलब्ध है?
उत्तर - जी हां, महामंजिष्ठादि काढ़ा एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन (prescription) के भी खरीदा जा सकता है।
प्रश्न - इस दवा का स्रोत (source of this medicine) क्या है?
उत्तर - यह एक पौधे आधारित तैयारी ( plant based preparation) है।
प्रश्न - क्या वजन बढ़ाने (weight gain) या भूख बढ़ाने (increasing appetite) के लिए महामंजिष्ठादि काढ़ा का इस्तेमाल किया जाता है?
उत्तर। इसका उपयोग भूख बढ़ाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न - क्या यह दवा त्वचा (skin) के लिए सुरक्षित है?
उत्तर - हां, यह प्राकृतिक अवयवों (natural ingredients) से बना है और इससे आपकी त्वचा को कोई समस्या नहीं होती है।
प्रश्न - क्या महामंजिष्ठादि काढ़ा के रोजाना सेवन से शरीर को कोई नुकसान होता है?
उत्तर - नहीं, महामंजिष्ठादि काढ़ा का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। यह पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित दवा है। हालांकि, वैद्य की सलाह के अनुसार ही इसका सेवन करें।
प्रश्न - क्या मुझे महामंजिष्ठादि काढ़ा का सेवन करते समय कुछ खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?
उत्तर - नहीं, महामंजिष्ठादि काढ़ा किसी भी खाद्य पदार्थ के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। हालांकि, बेहतर प्रभाव के लिए अपने चिकित्सक की सलाह लें।
प्रश्न - क्या महामंजिष्ठादि काढ़ा बेहोशी का कारण बनता है?
उत्तर - नहीं, इससे बेहोशी नहीं होती है।
प्रश्न - क्या मैं शराब के साथ महामंजिष्ठादि काढ़ा ले सकता हूं?
उत्तर - नहीं, शराब के साथ महामंजिष्ठादि काढ़ा का सेवन न करें क्योंकि इससे उनींदापन (drowsiness) हो सकता है।
प्रश्न - क्या महामंजिष्ठादि काढ़ा की आदत (addiction) लग जाती है?
उत्तर - नहीं महामंजिष्ठादि काढ़ा की नशे की तरह लत नहीं लगती है।
प्रश्न - क्या मैं गर्भावस्था के दौरान महामंजिष्ठादि काढ़ा का सेवन कर सकती हूं?
उत्तर। हां, महामंजिष्ठादि काढ़ा गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान सुरक्षित है लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
शारंगधारा संहिता मध्यमा खंड - Sharangadhara Samhita Madhyama Khanda
किसी भी प्रकार की दवाई लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आयुर्वेद के अनुभवी डॉक्टर से निशुल्क: परामर्श लें @ +91-9205773222
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