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ClinicsBy NS Desk | Ayurveda Street | Posted on : 12-Mar-2022
राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) के 25वें दीक्षांत समारोह का उद्घाटन
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) के 25वें दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने युवा वैद्यों से पारंपरिक चिकित्सा और ज्ञान को वैश्विक पटल पर लाने के लिए स्वयं को तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने इस क्षेत्र में भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जाने और मानव जाति की सहायता की दिशा में निरंतर कार्य करने का आहवान किया। केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने नई दिल्ली में आयोजित आरएवी के दीक्षांत समारोह में में यह विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और वैद्य देविंदर त्रिगुणा ने की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सोनोवाल ने युवा वैद्यों से आग्रह किया कि वे पारंपरिक चिकित्सा और ज्ञान को विश्व मानचित्र पर लाने के लिए स्वयं को तैयार करें और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और मानव जाति की सहायता करें। मंत्री महोदय ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने में आरएवी के कार्य की सराहना की। भारत को आयुर्वेद में समर्पित रूप से कार्य करने और वैश्विक प्रमुख बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व और सम्मान विषय है कि भारत में पारंपरिक चिकित्सा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक वैश्विक केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।
आयुष राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र मुंजापारा ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र आयुर्वेद क्षेत्र में नए नवाचारों में स्वयं को शामिल करें।
वैद्य सुभाष रानाडे और वैद्य ताराचंद शर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
सोनोवाल ने वैद्य सुभाष रानाडे और वैद्य ताराचंद शर्मा को आयुर्वेद के प्रचार में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2021-22 से सम्मानित किया। उन्होंने 12 वैद्यों को फेलो ऑफ आरएवी (एफआरएवी) से भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में आयुष सचिव ने कहा कि आरएवी ने ऐसी कई परियोजनाओं को संचालित किया है जो पहले कभी नहीं की गईं। उन्होंने आग्रह किया कि इस क्षेत्र में अध्ययन और कार्यरत लोगों को स्वेच्छा से शिक्षण में आना चाहिए क्योंकि हर वर्ष बड़ी संख्या में छात्र आयुर्वेदिक कॉलेजों से उत्तीर्ण होते हैं। इससे चिकित्सकों, औषधियों और आपूर्ति श्रृंखला की कमी का समाधान खोजने में मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम में आयुर्वेद सलाहकार वैद्य मनोज नेसारी, एनसीआईएसएम के अध्यक्ष वैद्य जयंत देव पुजारी और आरएवी निदेशक वैद्य अनुपम श्रीवास्तव, एम्स, जम्मू के निदेशक डॉ शक्ति कुमार गुप्ता सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी में भागीदारी की।
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