Home Blogs Ayurveda Street 'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी ने 'निरोगस्ट्रीट' के काम को सराहा

'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी ने 'निरोगस्ट्रीट' के काम को सराहा

By NS Desk | Ayurveda Street | Posted on :   27-Mar-2022

नई दिल्ली। रविवार, 27मार्च: आयुर्वेद चिकित्सकों (Ayurveda Doctor's) के देश के सबसे बड़े मंच निरोगस्ट्रीट (NirogStreet) की ख्याति राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही है। इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री मोदी ने निरोगस्ट्रीट के कार्यों की सराहना की और अपने लोकप्रिय कार्यक्रम 'मन की बात' में उन्होंने बाकायदा संस्थान का नाम लिया।

उन्होंने निरोगस्ट्रीट का नाम लेते हुए कहा कि आयुर्वेद हेल्थकेयर इकोेसिस्टम (Ayurveda Healthcare Ecosystem) में निरोगस्ट्रीट एक अनूठा कॉन्सेप्ट (Concept) है। इसका टेकनोलॉजी ड्राइवन प्लेटफ़ॉर्म (Technology-driven Platform), दुनिया-भर के आयुर्वेद डॉक्टरों (Ayurveda Doctors) को सीधे लोगों से जोड़ता है। 50 हजार से अधिक प्रैक्टिसनर (Practitioners) इससे जुड़े हुए हैं। 

गौरतलब है कि हाल ही में अबू धाबी (Abu Dhabi) के मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट 'इनसीड' (Insead) में निरोगस्ट्रीट की केस स्टडी (Case Study) को प्रस्तुत किया गया। यह ऐसा पहला मौका था जब किसी आयुर्वेद के लिए काम करने वाले संस्थान के कार्यों को बतौर केस स्टडी 'इनसीड' जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पेश किया गया।

इस मौके पर कई देशों के कॉरपोरेट से जुड़े लोग भी शामिल हुए। निरोगस्ट्रीट की तरफ से कंपनी के संस्थापक (Founder) राम एन कुमार (Ram N Kumar) कार्यक्रम में शामिल हुए थे और संस्थान के लक्ष्यों को दुनिया के सामने रखा था।  

प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में संस्थान का नाम लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए निरोगस्ट्रीट के संस्थापक राम एन कुमार ने कहा कि ये प्रसन्नता का विषय है कि निरोगस्ट्रीट के कार्यों की स्वयं प्रधानमंत्री मोदी जी ने सराहना की। आयुर्वेद हेल्थकेयर इकोसिस्टम के लिए हम आगे भी अनवरत काम करते रहेंगे। प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण के माध्यम से आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाना और आयुर्वेद उपचार को लोगों की पहली प्राथमिकता बनाने के लिए हम कृतसंकल्प हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने इसके पहले अपने उद्बोधन में संस्कृत के श्लोक 'जीवेम शरदः शतम्' का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा हमारी संस्कृति में सबको सौ-वर्ष के स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएँ दी जाती हैं। हम 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाएंगे। आज पूरे विश्व में हेल्थ को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है।

अभी आपने देखा होगा कि पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया World Record बना दिया। इसी तरह से Ayush Industry का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है। 6 साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपए के आसपास का था।

आज Ayush Manufacturing Industry, एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुँच रही है, यानि इस क्षेत्र में संभावनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। Start-Up World में भी, आयुष, आकर्षण का विषय बनता जा रहा है।

उन्होंने आयुर्वेद के कई और स्टार्टअप का जिक्र करते हुए कहा कि ये लिस्ट बहुत लंबी है। ये भारत के युवा उद्यमियों और भारत में बन रही नई संभावनाओं का प्रतीक है। मेरा Health Sector के Start-Ups और विशेषकर  Ayush Start-Ups से एक आग्रह भी है। आप Online जो भी Portal बनाते हैं, जो भी Content create करते हैं, वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सभी भाषाओँ में भी बनाने का प्रयास करें। दुनिया में बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ अंग्रेजी न इतनी बोली जाती है और ना ही इतनी समझी जाती है। ऐसे देशों को भी ध्यान में रखकर अपनी जानकारी का प्रचार-प्रसार करें। मुझे विश्वास है, भारत के Ayush Start-Ups बेहतर Quality के Products के साथ, जल्द ही, दुनिया भर में छा जायेंगे।

निरोगस्ट्रीट के बारे में: आयुर्वेद के क्षेत्र में निरोगस्ट्रीट देश का अग्रणी संगठन है जो आयुर्वेद हेल्थकेयर इकोसिस्टम में एक अनूठी अवधारणा है और जिसका उद्देश्य आयुर्वेद उपचार को लोगों की पहली प्राथमिकता बनाना है। यह प्रौद्योगिकी-संचालित सामुदायिक और सामाजिक वाणिज्य मंच सर्वश्रेष्ठ प्रैक्टिस को लागू करने और गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेद स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर ध्यान देने के साथ वैश्विक स्तर पर प्रामाणिक आयुर्वेद डॉक्टरों तक पहुंच प्रदान करता है। दुनिया तेजी से जैसे-जैसे प्रतिक्रियाशील से सक्रिय स्वास्थ्य सेवा की ओर बढ़ रही है, आयुर्वेद जैसे समग्र उपचार विधियों की मांग सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। निरोगस्ट्रीट समाज में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सकों के व्यापक नेटवर्क का लाभ उठाता है। प्रौद्योगिकी-आधारित हस्तक्षेप के साथ, निरोगस्ट्रीट सरकार, नियामकों और अनुसंधान संगठनों के साथ मिलकर डॉक्टरों को सशक्त बनाता है। निरोगस्ट्रीट डॉक्टरों को केस स्टडी और शोध रिपोर्ट बनाने और प्रकाशित करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है ताकि आधुनिक चिकित्सा के समान साक्ष्य-आधारित उपचार को बढ़ावा मिल सके।
यह भी पढ़े► अबू धाबी के प्रसिद्ध मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में निरोगस्ट्रीट की केस स्टडी !

NS Desk

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।