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ClinicsBy NS Desk | Ayurveda Street | Posted on : 29-Aug-2021
Mahayogi Guru Gorakhnath Ayush University
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई मे विशेष रूप से महामारी के प्रकोप की दूसरी लहर में, आयुष चिकित्सा प्रणाली ने लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह बात आज 28 अगस्त, 2021 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के अवसर पर कही।
राष्ट्रपति द्वारा नींव रखे जाने के बाद वहां बारिश हुई। राष्ट्रपति ने इसे परियोजना के लिए शुभ संकेत बताया।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से स्वास्थ्य और उपचार की कई पारंपरिक और गैर-पारंपरिक प्रणालियां प्रचलित हैं। भारत सरकार ने इनके विकास के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। चिकित्सा की इन प्रणालियों की व्यवस्थित शिक्षा और अनुसंधान के लिए, 2014 में आयुष मंत्रालय का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2017 में आयुष विभाग की भी स्थापना की थी। उन्होंने विश्वास जताया की महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ, प्रदेश के आयुष चिकित्सा संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध होकर अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सकेंगे।
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राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि बाबा गोरखनाथ उन अग्रदूतों में से एक रहे हैं जिन्होंने आपातकालीन दवाओं के रूप में खनिजों और धातुओं से दवाएं तैयार की हैं। इसलिए इस विश्वविद्यालय का नाम "महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय" रखना बेहद उपयुक्त है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अनेकता में एकता का सर्वोत्तम उदाहरण है। भारत के लोग जनहित में जो भी हितकर है, उसे स्वीकार करने में संकोच नहीं करते। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों का प्रचलन भी इसी सोच का परिणाम है। योग, आयुर्वेद और सिद्धा विश्व के लिए भारत का योगदान है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व में चिकित्सा की एकीकृत प्रणाली के विचार को मान्यता दी जा रही है। विभिन्न चिकित्सा प्रणालियाँ लोगों को एक दूसरे की पूरक प्रणाली के रूप में ठीक करने में मदद कर रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि यद्यपि आदिवासी समुदाय में जड़ी-बूटियों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान की समृद्ध परंपरा रही है, लेकिन पिछले दो दशकों में आयुष चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता पूरे देश में बढ़ी है। औषधीय जड़ी-बूटियों और पौधों की बढ़ती मांग के परिणामस्वरूप किसानों और वनवासियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार के मौके पैदा हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गोरखपुर में महायोगी गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से आयुष प्रणालियों की शिक्षा और लोकप्रियता को और बढ़ावा मिलेगा।
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