Home Blogs Ayurveda Street आयुष-64 की प्रौद्योगिकी सीसीआरएएस ने 46 कंपनियों को हस्तांतरित की

आयुष-64 की प्रौद्योगिकी सीसीआरएएस ने 46 कंपनियों को हस्तांतरित की

By NS Desk | Ayurveda Street | Posted on :   22-Nov-2021

केंद्रीय आर्युर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने आयुष -64 की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण 46 कंपनियों को किया।

केंद्रीय आर्युर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने आयुष -64 की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण 46 कंपनियों को किया। यह कोविड-19 के हल्के और बिना लक्षण वाले या हल्के से सामान्य संक्रमण वाले मामलों में काम आनेवाली असरदार दवा है।

इससे पहले आयुष मंत्रालय की उत्पादन इकाई आईएमपीसीएल समेत सिर्फ 7 कंपनियों के पास इसका लाइसेंस था, जो मलेरिया के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल करती थीं। कोविड के प्रकोप के दौरान कोरोना पर इसके प्रभावी पाए जाने के बाद 39 नई कंपनियों को नए लाइसेंस दिए गए हैं यानी उनको प्रौद्योगिकी हस्तांतरित कर दी गई है।

आयुष-64 की प्रौद्योगिकी का विकास सीसीआरएएस द्वारा किया गया है, जो आयुष मंत्रालय के तहत आयुर्वेद में अनुसंधान का प्रमुख संस्थान है। इसे 1980 में मलेरिया के इलाज के लिए विकसित किया गया था। मार्च 2020 में कोविड की पहली लहर के दौरान, कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों ने इसे कोविड -19 के हल्के और बिना लक्षण के या हल्के से सामान्य संक्रमण में काफी असरदार पाया। इसमें वायरस से लड़ने के गुण भी होते हैं। साथ ही, इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और बुखार कम हो जाता है, जिससे मरीजों को जल्द ठीक होने में मदद मिलती है।

कोविड की पहली लहर के दौरान, आयुष मंत्रालय और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के साथ एक नैदानिक परीक्षण किया गया था, जिसमें यह पता चला था कि आयुष -64 कोविड के मरीजों के लिए एक बहुत ही फायदेमंद दवा है। इस पर अब तक 8 नैदानिक परीक्षण हो चुके हैं, जिनमें घरों में कोरान्टीन किए गए 63 हजार मरीजों को आयुष-64 दिया गया और इस परीक्षण में यह दवा फायदेमंद पायी गयी। इन 8 नैदानिक परीक्षणों के दौरान 5 क्रमरहित और दो एकल अध्ययन भी किया गया जिनमें मरीजों को सिर्फ आयुष-64 दवा दी गई।

कोविड की पहली लहर से पहले, आयुष मंत्रालय की उत्पादन इकाई आईएमपीसीएल सहित सात कंपनियां आयुष-64 बनाती थीं, लेकिन अब 39 कंपनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने के साथ यह आंकड़ा 46 हो गया है।

सीसीआरएएस के इस कदम से इसके उत्पादन में वृद्धि होगी और इसकी मांग को पूरा करना भी आसान हो जाएगा। आज तक इस दवा के दुष्प्रभाव का कोई मामला सामने नहीं आया है। फिर भी, विशेषज्ञ कहते हैं कि डॉक्टरों से सलाह के बाद ही यह दवा लेनी चाहिए।
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NS Desk

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डिस्क्लेमर - लेख का उद्देश्य आपतक सिर्फ सूचना पहुँचाना है. किसी भी औषधि,थेरेपी,जड़ी-बूटी या फल का चिकित्सकीय उपयोग कृपया योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के दिशा निर्देश में ही करें।